निर्माण सामग्री के उछले दाम, घर का सपना और हुआ महंगा
रेत की कीमत भी 10-12 हजार रुपए प्रति हाइवा बढ़ी है। सरिया की कीमतों में भी 200-300 रुपए प्रति क्विंटल का उछाल आया है। शहर के ज्यादातर लोग बैंकों से लोन लेकर मकान का निर्माण करा रहे हैं। तिलहरी निवासी नीरज पासी ने बताया कि मार्च में उनके मकान का काम लगभग पूरा हो गया था। सिर्फ स्लैब डलना शेष है। जून में वे सरिया, सीमेंट और रेत खरीदने पहुचे तो इनकी कीमतें पहले की तुलना में काफी बढ़ गई थीं। दुकानदार ने बताया कि मार्केट में निर्माण सामग्री की कमी है।
पुरानी निर्माण लागत दर लागू
शासन ने जून माह तक पुरानी कलेक्टर गाइडलाइन जारी रखी है। रजिस्ट्री और निर्माण लागत की दर भी यथावत है। जुलाई से इनमें इजाफा हो सकता है। निर्माण सामग्री के दाम बढऩे से लोगों को शासन की इस छूट का फायदा नहीं मिल रहा है।
10 हजार रुपए ज्यादा में रेत
भवन निर्माण से जुड़े लोगों ने बताया कि मार्च तक रेत की कीमत 16-17 हजार रुपए प्रति हाइवा और 12-13 हजार रुपए प्रति डम्पर थी। अब कीमत क्रमश: 26-28 हजार रुपए प्रति हाइवा और 20-21 हजार रुपए प्रति डम्पर पहुंच गई है। समय पर रेत नहीं मिलने से सप्लाई में भी देरी हो रही है। इसी तरह लॉकडाउन से पहले सीमेंट के दाम 260-280 रुपए प्रति थे, जो अब 300-330 रुपए हो गए हैं। सरिया के दाम में भी तेजी आई है। जबलपुर में ज्यादातर सरिया रायपुर से आता है। जानकारों के अनुसार मांग और पूर्ति में अंतर होने का असर कीमतों पर पड़ा है।
रेत के दाम बढ़ गए हैं। ग्राहकों को देने के लिए रेत नहीं मिल रही है। दाम अधिक होने से भी लोग ने में हिचक रहा है। सीमेंट कम्पनियों ने भी दाम बढ़ा
दिए हैं।
– आलोक उपाध्याय, निर्माण सामग्री विक्रेता
लॉकडाउन से पहले तक सरिया की कीमत ठीक थी। कम्पनियों ने पिछले 10 दिन से सभी प्रकार के सरिया के दाम 2 से 3 रुपए प्रति किलो बढ़ा दिए हैं।
– मेहताब अली, सरिया विक्रेता