जबलपुर

एससी, एसटी एक्ट का इस सीट पर सबसे ज्यादा प्रभाव, भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती

सीट पर सबसे ज्यादा प्रभाव,

जबलपुरSep 06, 2018 / 11:14 am

deepak deewan

SC, ST Act – bharat band

जबलपुर. महाकौशल की व्यापारिक राजधानी बड़ा फुहारा और संस्कारधानी का राजनीतिक अखाड़ा कहे जाने वाले क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली उत्तर मध्य विधानसभा हमेशा चर्चा में रही है। इस यह विधानसभा भाजपा का गढ़ मानी जाती है। लम्बे समय तक यहां पूर्व मंत्री ओंकार प्रसाद तिवारी विधायक रहे।

उत्तर-मध्य यातायात की समस्या- फ्लाईओवर का इंतजार

शहर के प्रमुख बाजार व सघन रिहायशी इलाके वाले इस क्षेत्र की सडक़ों पर यातायात का जबर्दस्त दबाव है। वर्षों से यहां फ्लाईओवर की मांग उठ रही है। दमोहनाका से मदनमहल चौक के बीच फ्लाईओवर स्वीकृत भी हो चुका है, लेकिन अब तक इस प्रोजेक्ट की गति धीमी है। कांग्रेस फ्लाईओवर प्रोजेक्ट को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
2013 में वोट – शरद जैन 74656- नरेश सराफ 41093

इनके नाम चर्चा में
भाजपा
शरद जैन – राज्यमंत्री
धीरज पटेरिया – युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष, युवाओं में अच्छी पैठ
डॉ. विनोद मिश्रा – जेडीए अध्यक्ष व भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष


कांग्रेस

बाबू विश्वमोहन – कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के करीबी
विनय सक्सेना – नगर निगम पूर्व नेता प्रतिपक्ष, वरिष्ठ पार्षद
शशांक दुबे – युवक कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, युवाओं के बीच अच्छी पैठ

ये भी ठोक रहे ताल
राशिद सुहैल सिद्धिकी – जेडीए के पूर्व अध्यक्ष।
अमरीश मिश्रा – पूर्व पार्षद, युवा वोटरों के बीच अच्छी पकड़।
सौरभ नाटी शर्मा – बिजली का आंदोलन चलाकर चर्चा में आए।

एससी, एसटी एक्ट और जातिगत समीकरण – ब्राह्मण, जैन, मुस्लिम वोटरों का चुनाव में अहम रोल होगा। दोनों ही पार्टियों में प्रत्याशी चयन के वक्त इस जातिगत समीकरण का खासा ध्यान रखा जाएगा। एससी, एसटी एक्ट के मुद्दे पर ब्राह्मण, जैन समुदाय का बड़ा वर्ग नाराज है।

चुनौतियां
भाजपा- चौथा कार्यकाल। एंटी इनकमबेंसी फै क्टर।
कांग्रेस- किसी नए चेहरे के लिए जगह बनाना बड़ी चुनौती है। बड़े मुद्दों को कांग्रेस उठा नहीं सकी।


विधायक की परफॉर्मेंस
क्षेत्र से विधायक राज्यमंत्री शरद पूरे समय सुलभ रहे हैं। उनके कार्यकाल में शहर को सुपर स्पेश्यिलिटी सेंटर की सौगात मिली।
व्यवसायी सुरेन्द्र जैन के मुताबिक विधायक का कार्यकाल अच्छा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उन्हें और कसावट लाना थी, इस दिशा में प्रयास कम रहे।
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