मनचलों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वह राह चलते युवतियों और स्कूली छात्राओं से बदसलूकी करने से नहीं चूकते। इससे स्कूली छात्राएं परेशान हैं। पुलिस की रेड कोड और स्कूल, कॉलेजों के पास गश्त का भी असर देखने नहीं मिल रहा है। ये मनचले राह चलती लड़कियों पर फब्तियां कसने से बाज नहीं आते हैं। जहां भी अकेला देखते हैं इनके बदसलूकी का दौर शुरू हो जाता है। इन्हे न तो पकड़े जाने का खौफ है और न ही इज्जत का ख्याल। इसके चलते स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं अभिभावक भी इन शोहदों की बदसलूकी की खबरों को सुनकर बच्चों को लिए चिंचित रहते हैं। यह लड़कि यों के छेडख़ानी से मना करने पर भी बाज नहीं आते हैं। बीच सडक़ पर दुपट्टा खींचना इनके लिए आम बात हो गई है।