ये है प्रावधान
जानकारों के अनुसार, शिक्षण सत्र शुरू होने के एक माह पहले ही किताब-कॉपियों और प्रकाशक की जानकारी सार्वजनिक हो जानी चाहिए। जिससे पुस्तकें व अन्य सामग्री आसानी से बाजार में उपलब्ध हो सके। लेकिन, अभी तक ऐसा नहीं हो सका है। शहर के निजी स्कूल प्रबंधन ने किताबों की सूची सार्वजनिक नहीं की है।
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यहां सप्लाई शुरू
जानकारों के अनुसार शहर के कुछ कथित पुस्तक विक्रेताओं के पास दिल्ली, मेरठ, आगरा से निजी प्रकाशकों की पुस्तकों की सप्लाई शुरू हो गई है। कक्षावार बंडल बनाने का काम भी शुरू हो गया है। जबकि स्कूलों द्वारा अंतिम समय में सूची जारी करने से कई पुस्तक विक्रेताओं को पुस्तकें नहीं मिल पातीं। ऐसे में अभिभावकों को मनमाने दाम पर किताबें खरीदने को मजबूर होना पड़ता है।