scriptप्राध्यापकों के सातवें वेतनमान में फंसा फंड की व्यवस्था का पेंच | Screw the system of funds trapped in the 7th pay scale of professor | Patrika News
जबलपुर

प्राध्यापकों के सातवें वेतनमान में फंसा फंड की व्यवस्था का पेंच

जिले के 600 प्राध्यापकों को मिलना है लाभ

जबलपुरJan 24, 2019 / 01:20 am

mukesh gour

7th pay scale

7th pay scale

जबलपुर. प्राध्यापकों को मिलने वाले सातवें वेतनमान में फंड का पेंच फंस गया है। विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों ने उनके वेतनमान के लिए अलग से फंड की व्यवस्था नहीं होने पर आपत्ति दर्ज कराई है। मामला न्यायालय में जाने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने फिलहाल आदेश वापस ले लिया है। इससे कॉलेजों और विश्वविद्यलायों के प्राध्यापकों में सातवां वेतनमान मिलने में असमंजस की स्थिति है। सूत्रों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग ने जहां कॉलेजों में नियुक्त प्राध्यापकों को सीधा लाभ देने के निर्देश दिए थे, वहीं विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों को विवि प्रशासन को अपने स्तर पर फंड की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों ने इस आदेश पर आपत्ति दर्ज कराई है। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने साइट से आदेश को हटा दिया है। इस सम्बंध में विभाग की ओर से अभिमत नहीं दिए जाने से भी प्राध्यापकों में असमंजस की स्थिति है।
इसलिए है विरोध- प्राध्यापकों के अनुसार, उच्च शिक्षा विभाग ने कहा है कि विश्वविद्यालय अपने स्रोतों से सातवां वेतनमान लागू कर सकते हैं। लेकिन विश्वविद्यालय आर्थिक स्थिति का हवाला देकर वेतनमान लागू करने से बच रहे हैं। उधर, कॉलेजों के प्राध्यापकों को केंद्र सरकार की ओर से यूजीसी फंड से राशि की व्यवस्था की जाएगी। यह लाभ पांच साल तक मिलेगा। इसके बाद राज्य सरकार निर्णय लेगी।

२१५ करोड़ रुपए अतिरिक्त देने होंगे-

सातवां वेतनमान लागू होने से प्रदेश के नौ हजार प्राध्यापकों को हर साल करीब २१५ करोड़ रुपए सरकार को अतिरिक्त देने होंगे। हर प्राध्यापक को १५ से २० हजार रुपए का लाभ मिलेगा। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में करीब एक हजार प्राध्यापकों के लिए विश्वविद्यालयों को ही इस रकम की व्यवस्था करनी होगी। जबलपुर संभाग में ६०० प्राध्यापक शामिल हैं। रादुविवि में ही करीब आधा सैकड़ा प्राध्यापकों को बढ़ा हुआ वेतनमान देने के लिए हर साल करीब २ करोड़ रुपए की व्यवस्था करनी होगी।
जिस तरह कॉलेज प्राध्यापकों को सातवें वेतनमान की घोषणा की गई है, वही लाभ अन्य विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों को भी मिलना चाहिए।
डॉ. अरुण शुक्ल, जिला अध्यक्ष शासकीय प्राध्यापक संघ

दूसरे विभागों के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ तुरंत मिल जाता है। जब प्राध्यापकों की बात आती है तो इसमें कोई न कोई पेंच खड़ा हो जाता है।
डॉ. टीआर नायडू, प्राध्यापक
उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को अपने स्तर पर निर्णय लेने के लिए कहा गया है। आपत्ति के बाद आदेश वापस ले लिया गया है। फिलहाल मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
प्रो. राकेश वाजपेयी, कुलसचिव रादुविवि

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