आंकड़ों के मुताबिक कोरोना की इस दूसरी लहर में सबसे ज़्यादा युवा इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। आलम यह है कि हर 100 में से 37 युवा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जबलपुर में पिछले एक माह का जो डाटा सामने आया है वह इस बात की पुष्टि करता है कि दूसरी लहर ने बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं को अपनी गिरफ्त में लिया है। इसकी वजह जो भी रही हो लेकिन पॉजिटिविटी का ट्रेंड यही कह रहा है कि पिछले एक महीने में आए नए संक्रमितों में 16 फीसदी बुजुर्ग रहे तो युवा मरीजों का आंकड़ा 35 प्रतिशत तक जा पहुंचा है। कोविड-19 की दूसरी लहर इसलिए भी ज्यादा खतरनाक मानी गई क्योंकि इसके म्यूटेंड वायरस ने अच्छी खासी इम्युनिटी रखने वालों का भी अपनी चपेट में लिया है।
कोरोना संक्रमण की शुरूआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर आईसीएमआर तक ने यह कहा था कि कोरोना वायरस बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को अपनी चपेट में ले रहा है। लेकिन कोरोना की इस दूसरी लहर में नए प्रकार के वायरस ने कहानी ही बदल दी है। यह इस बार युवाओं को गिरफ्त में ले रहा है। अब विशेषज्ञों की नई आशंका इससे भी ज्यादा चिंतित करने वाली है जिसके तहत तीसरी लहर आनी तय है और उस तीसरी लहर की गिरफ्त में बच्चों के आने की आशंका है।
कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर जबलपुर ने अप्रैल के महीने में जो आंकड़े जुटाए उसमें तकरीबन 20,000 नए संक्रमितों पर अध्ययन किया है। यह अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करता है कि कोरोना वायरस इस दूसरी लहर में बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं के लिए खतरनाक साबित हुई है।
दूसरी लहर के ट्रेंड से पता चलता है कि 18 वर्ष से कम उम्र वाले सिर्फ 6 प्रतिशत बच्चे-किशोर ही पॉजिटिव हुए। इससे यह भी सामने आया कि टीनएजर्स की एम्युनिटी भी यंगस्टर्स से बेहतर होती है। कमांड सेंटर ने अपने डाटा कलेक्शन में नए सिरे से 20270 संक्रमित जुटाए हैं। इसमें 18 वर्ष तक के 1210 पॉजिटिव सामने आए। 19 से 35 आयु वर्ग के संक्रमितों की संख्या 7420 यानी 37 प्रतिशत रही। इसके अलावा 36 से 60 वर्ष की उम्र वालों में 8 हजार पॉजिटिव निकले। इसमें भी 45 से कम उम्र वालों की ही संख्या ज्यादा रही। 60 से अधिक उम्र वाले संक्रमितों की संख्या सबसे कम 3,640 याने 18 प्रतिशत रही।