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जबलपुर

नवंबर दिसम्बर में शादी के 7 मुहूर्त, फिर अप्रैल 2021 तक इंतजार, 148 दिन तक नहीं होंगे शुभकार्य

नवम्बर दिसम्बर में भी विवाह के सात मुहूर्त, इसके बाद अगले साल 21 अप्रैल तक नहीं मुहूर्त

जबलपुरJul 02, 2020 / 11:22 am

Lalit kostha

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जबलपुर। बुधवार को देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले गए। इसके चलते आगामी 148 दिन तक विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि सभी शुभ कार्य बंद रहेंगे। 26 नवंबर से पुन: मांगलिक कार्य आरंभ होंगे। इस वर्ष देवोत्थान एकादशी के बाद भी मात्र नौ ही विवाह मुहूर्त हैं। देवोत्थान एकादशी के साथ ही 27 और 30 नवंबर और 1,6,9,10 और 11 दिसंबर को ही मुहूर्त रहेगा। इसके बाद शुभ कार्यों के लिए अप्रैल 2021 तक इंतजार करना होगा। इसके बाद ही शुभ मुहूर्त में शुभ कार्यों को करने के लिए अवसर प्राप्त हो सकेगा।
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु के योगनिद्रा में जाने की मान्यता

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भगवान विष्णु की हुई विशेष पूजा
चातुर्मास की इस अवधि में सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम किए जा सकेंगे। लगभग 5 माह तक सिर्फ भगवान विष्णु का पूजन-अर्चना अत्यधिक लाभदायी होता है। इस दिन से व्रत, साधना और पूजा आदि का समय प्रारंभ हो जाता है। बुधवार को व्रतियों ने श्रद्धापूर्वक देवशयनी एकादशी का व्रत रखा। मान्यता है कि इस व्रत से से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी पापों का नाश हो जाता है। बुधवार को मंदिर और मठों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा का आयोजन किया गया।

चातुर्मास में एकादशी
पंडित रोहित दुबे ने बताया कि जिस वर्ष चातुर्मास में 11 एकादशी पड़तीं हैं, वह चातुर्मास अधिक लम्बा होता है। इसीलिए इस बार चातुर्मास की अवधि 148 दिन की रहेगी। उन्होंने बताया चातुर्मास आरंभ होते ही भगवान विष्णु धरती का कार्य भगवान शिव को सौंपकर खुद विश्राम के लिए चले जाते हैं। इसीलिए इस दौरान शिव आराधना का भी बहुत महत्व है। सावन का महीना भी चातुर्मास में ही आता है।


चातुर्मास में पर्व
01 जुलाई — देवशयनी एकादशी
16 जुलाई — कामिका एकादशी
30 जुलाई — श्रावण पुत्रदा एका.
15 अगस्त — अजा एकादशी
29 अगस्त — पद्मा एकादशी
13 सितंबर — इन्दिरा एकादशी
27 सितंबर — पद्मिनी एकादशी
13 अक्टूबर — परम एकादशी
27 अक्टूबर — पापांकुशा एका.
11 नवंबर — रमा एकादशी
25 नवंबर — देवउठनी एकादशी

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