शनि ग्रह की उल्टी चाल से मेष राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट हो सकता है। वृष राशि वालों को हृदय से सम्बंधित विकार हो सकते हैं। मिथुन राशि के लिए स्थिति सामान्य रहेगी। कर्क राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन फायदेमंद साबित होगा। सिंह राशि वालों को उदर विकार एवं कन्या राशि के जातकों को शत्रुओं से सावधान रहना होगा। तुला राशि के जातकों के विवाह में व्यवधान, कन्या राशि के लोगों को धन सम्बंधी से लेन-देन से परेशानी हो सकती है। धनु राशि के जातकों के लिए शुभ प्रभाव होगा। मकर राशि के लोगों को रक्त सम्बंधी विकार हो सकता है। कुम्भ राशि वालों के लिए लाभ एवं मीन राशि के जातकों के उन्नति के नए आयाम बनेंगे।
आचार्य डॉ. सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री के अनुसार शनि ग्रह के वक्री होने के कारण आंधी, तूफान, अतिवृष्टि या तपन हो सकती है। इसके पहले ही गुरु 22 अप्रैल सुबह 11.30 बजे से मंगल की राशि में जाएंगे। जबकि, 25 अप्रैल से वक्री भी हो जाएंगे। इन परिवर्तनों के कारण धरती की ऊष्मता यानि गर्मी बढ़ेगी। शनि ग्रह मंगल की राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ग्रहों के राजा शनि ओज के ग्रह मंगल की राशि में जाएंगे तो असहनीय गर्मी के योग बनेंगे। वहीं इन दोनों कारणों से राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति भी उत्पन्न होगी।