क्या है शारंग और कितनी ताकत है इसमें
शारंग तोप एक बार में तीन गोले दाग सकती है। इसका नाम भगवान विष्णु के धनुष शारंग के नाम पर रखा गया है। ये तोप 130 एमएम की एम-46 की तकनीक अपग्रेड करके बनाई गई है। अपग्रेड होने के बाद ये और भी खतरनाक हो गई है। रक्षा जानकारों के मुताबिक शारंग के गोले में 8 किलो टीएनटी का प्रयोग किया जाएगा जिसकी वजह से दुश्मन के खेमे में ये और अधिक तबाही मचा देगी। शारंग तोप का वजन करीब 8.4 टन है और उसके बैरल की लंबाई करीब 7 मीटर है। यह गन भी अब सेमी ऑटोमेटिक हो गई है। इससे अब तोप के अंदर गोले डालना भी आसान हो गया है। शारंग तोप को करीब 70 डिग्री तक घुमाया जा सकता है। हालांकि अभी तक 45 डिग्री तक फायरिंग किया गया है। शारंग तोप पूरी तरह से स्वदेशी है। एक तोप बनाने के लिए 70 लाख रुपये की लागत आती है। एक नई फील्ड आर्टिलरी गन का दाम करीब 3.5 करोड़ रुपये है। इस तरह से शारंग घातक होने के साथ-साथ सस्ती भी है।
वीएफजे के लिए बड़ा अवसर
सेना के लिए वाहन बनाने वाली वीकल फैक्ट्री ने पहली बार तोप के उत्पादन में कदम रखा है। उसे बड़ी कामयाबी भी मिली है। इस सफलता से अधिकारी-कर्मचारी भी बेहद खुश हैं। उनके लिए यह बड़ी उपलब्धि है।
लम्बी दूरी के लिए नई तकनीक ईजाद
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीक्यूए) के अंतर्गत लॉन्ग पू्रफ रेंज खमरिया में लम्बी दूरी तक मारक क्षमता वाली तोप के परीक्षण के लिए नई तकनीक ईजाद की गई है। कमांडेंट ब्रिगेडियर निश्चय राऊत की इसमें बड़ी भूमिका रही। यही कारण है कि यहां 155 मिलीमीटर की बैरल वाली तोप से फायरिंग सम्भव हो सकी है। एलपीआर की लम्बाई करीब 14 किमी है। लेकिन, तोप से छोड़ा जाने वाला गोला अधिकतम 40 किमी दूर तक जा सकता है। इसके लिए अपने संसाधनों से तकनीक निर्मित की गई है।