scriptपाकिस्तान में अंदर तक मार करेगा भारत, ये तोप साध रही अचूक निशाना | sharang top : this powerful gun will be more important in POK battle | Patrika News
जबलपुर

पाकिस्तान में अंदर तक मार करेगा भारत, ये तोप साध रही अचूक निशाना

शारंग तोप के सफल परीक्षण से बढ़ी भारत की शक्ति, धनुष का भी होगा परीक्षण

जबलपुरJan 27, 2020 / 07:28 pm

shivmangal singh

पाकिस्तान में अंदर तक मार करेगा भारत, ये तोप साध रही अचूक निशाना

पाकिस्तान में अंदर तक मार करेगा भारत, ये तोप साध रही अचूक निशाना

जबलपुर. शारंग तोप के सफल परीक्षण के बाद भारत अब पाकिस्तान के अंदर तक मार कर सकेगा। अपग्रेड होने के बाद इस तोप की मारक क्षमता 40 से 50 किलोमीटर हो गई है। मारक क्षमता बढऩे के साथ ही ये तोप पीओके में अपना निर्णायक रोल अदा कर सकती है। हाल ही में सेनाध्यक्ष ने पीओके पर कार्रवाई को लेकर जो बयान दिया था, उसके मद्देनजर शारंग और धनुष जैसी उच्च क्षमता वाली तोपों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी। शारंग तोप का परीक्षण जबलपुर में चल रहा है। मंगलवार को शुरू हुए इस परीक्षण में पहले दिन सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आठ गोले दागे गए। ये सभी गोले अपने सटीक निशाने पर लगे। दूसरे दिन भी तोपों का परीक्षण किया गया, उसमें भी शारंग तोप खरी उतरी। सेना के अफसरों के मुताबिक जल्द ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शारंग तोपों की एक खेप सेना के सुपुर्द करेंगे।
कानपुर आर्डिनेंस फैक्ट्री की मदद से जीसीएफ और वीएफजे में बनी शारंग तोप का मंगलवार को जबलपुर के लॉन्ग पू्रफ रेंज (एलपीआर) खमरिया में सफल परीक्षण किया गया। इसके साथ ही जबलपुर ने सामरिक क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। 40 किमी तक निशाना साधने वाली दो तोपों से आठ राउंड प्रूफ फायर किए गए। सभी राउंड सेना के मापदंडों पर खरे उतरे। शारंग तोप रूस की 130 एमएम सोल्टम गन को 155 एमएम 45 कैलीबर में अपग्रेड करके तैयार की गई है।
अफसरों के अनुसार अब एलपीआर की क्षमता भी बढ़ गई है। अब जबलपुर में बनने वाली और विदेशों से आयातित तोप का परीक्षण यहीं पर ही हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट को सेना के साथ डायरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीक्यूए), डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) ने मिलकर पूरा किया। तोप से रेंज की एरिएटर बट में फायर किया गया। एलपीआर में बुधवार को भी परीक्षण किया गया जो सफल रहा। फायरिंग के बाद तकनीकी दल ने पैरामीटर पर जांच की। वीएफजे के वरिष्ठ महाप्रबंधक गोविंद मोहन ने भी दूसरी तोप की फायरिंग देखी। इस दौरान जीसीएफ का कंट्रोरेलेट ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस (वेपंस) का तकनीकी दल भी मौजूद रहा। इस बीच पहले दिन की फायरिंग की रिपोर्ट तैयार कर जीसीएफ भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। जीसीएफ और वीएफजे में इस साल 30 तोप तैयार की जानी है। 10 तोप तैयार हो चुकी हैं। इनमें से तीन तोप का परीक्षण भी हो गया है। गुरुवार को भी तोपों का परीक्षण किया गया। ब्रिगेडियर निश्चय राऊत, कमांडेंट एसक्यूएई (ए) व एलपीआर, खमरिया ने कहा कि धनुष तोप का परीक्षण भी होगा संभव 155 एमएम 45 कैलीबर शारंग तोप का एलपीआर, खमरिया में पहली बार परीक्षण किया गया है। सेना, डीजीक्यूए, डीआरडीओ, ओएफबी के प्रयासों से परीक्षण सफल रहा। ब्रिगेडियर राऊत ने बताया कि एलपीआर खमरिया में ही धनुष तोप के परीक्षण की भी तैयारी की जा रही है।

क्या है शारंग और कितनी ताकत है इसमें

पाकिस्तान में अंदर तक मार करेगा भारत, ये तोप साध रही अचूक निशाना

शारंग तोप एक बार में तीन गोले दाग सकती है। इसका नाम भगवान विष्णु के धनुष शारंग के नाम पर रखा गया है। ये तोप 130 एमएम की एम-46 की तकनीक अपग्रेड करके बनाई गई है। अपग्रेड होने के बाद ये और भी खतरनाक हो गई है। रक्षा जानकारों के मुताबिक शारंग के गोले में 8 किलो टीएनटी का प्रयोग किया जाएगा जिसकी वजह से दुश्मन के खेमे में ये और अधिक तबाही मचा देगी। शारंग तोप का वजन करीब 8.4 टन है और उसके बैरल की लंबाई करीब 7 मीटर है। यह गन भी अब सेमी ऑटोमेटिक हो गई है। इससे अब तोप के अंदर गोले डालना भी आसान हो गया है। शारंग तोप को करीब 70 डिग्री तक घुमाया जा सकता है। हालांकि अभी तक 45 डिग्री तक फायरिंग किया गया है। शारंग तोप पूरी तरह से स्वदेशी है। एक तोप बनाने के लिए 70 लाख रुपये की लागत आती है। एक नई फील्ड आर्टिलरी गन का दाम करीब 3.5 करोड़ रुपये है। इस तरह से शारंग घातक होने के साथ-साथ सस्ती भी है।

वीएफजे के लिए बड़ा अवसर
सेना के लिए वाहन बनाने वाली वीकल फैक्ट्री ने पहली बार तोप के उत्पादन में कदम रखा है। उसे बड़ी कामयाबी भी मिली है। इस सफलता से अधिकारी-कर्मचारी भी बेहद खुश हैं। उनके लिए यह बड़ी उपलब्धि है।


लम्बी दूरी के लिए नई तकनीक ईजाद
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीक्यूए) के अंतर्गत लॉन्ग पू्रफ रेंज खमरिया में लम्बी दूरी तक मारक क्षमता वाली तोप के परीक्षण के लिए नई तकनीक ईजाद की गई है। कमांडेंट ब्रिगेडियर निश्चय राऊत की इसमें बड़ी भूमिका रही। यही कारण है कि यहां 155 मिलीमीटर की बैरल वाली तोप से फायरिंग सम्भव हो सकी है। एलपीआर की लम्बाई करीब 14 किमी है। लेकिन, तोप से छोड़ा जाने वाला गोला अधिकतम 40 किमी दूर तक जा सकता है। इसके लिए अपने संसाधनों से तकनीक निर्मित की गई है।

Home / Jabalpur / पाकिस्तान में अंदर तक मार करेगा भारत, ये तोप साध रही अचूक निशाना

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो