दीवार से टिका दी पेंटिंग
यहां भवन के किनारे बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग दीवार से टिका कर रख दी गई हैं। ये पेटिंग पानी-धूल से खराब हो रही है। वहंी दूसरी ओर एक लकड़ी के टेबल पर भी मूर्तियों के ढांचे रखे हैं, जो पानी से गल रहे हैं। कुछ मूर्तियों को जरूर पॉलीथीन से बांध कर रखा गया है।
कॉरीडोर में कचरे की भांति उपकरण
मूर्ति, चित्रकारी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण कॉरीडोर में कचरे की भांति रख दिए गए हैं। इन्हें रखने की जगह ही नहीं बनाई गई है। हालत यह हो गई है कि यहां डेस्क और बेंच भी सही तरीके से नहीं रखे गए हैं। जानकार कहते हैं कि छात्र-छात्राओं के आने के बाद वे ही इसे व्यवस्थित करते हैं।
एक कमरे में बंद पड़ी कलाकृतियां
कॉलेज के एक कमरे में ड्राइंग और मूर्तियां बंद करके रखी गई हैं। कमरा भर जाने की वजह से इसे अन्य जगहों पर रखा है, उसके बाद भी मूर्तियां या चित्र होने की वजह से इसे मैदान में निकाल दिया गया है, जो खराब होने की दशा में आ गई है।
भवन, बाउंड्रीवॉल के लिए भेजा बजट
तात्कालीन डायरेक्टर सीमा डेकाटे ने कॉलेज भवन और बाउंड्रीवॉल के लिए सरकार को बजट के लिए पत्राचार किया था लेकिन दो वर्ष के अंतराल में इस पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। हाल ही में नवागत कल्चरल डायरेक्टर पीके झा ने भी बजट भेजा हुआ है। कॉलेज के लिए बजट में बाउंड्रीवॉल, भवन सहित अन्य सुविधाओं की मांग की गई है।
एक नजर
संस्थान है दो मंजिला
मूर्तियां, चित्र सहेजने की है पर्याप्त जगह
कॉरीडोर सहित अन्य जगह का रखरखाव नहीं
लायब्रेरी का इस्तेमाल नहीं
घास कटाई की व्यवस्था नहीं
खराब होने मूर्तियां बाहर निकाल दी
प्रस्ताव बनाकर फायनेंस को भेजा गया है। प्रक्रिया चल रही है। स्वीकृत होते ही कार्य शुरू हो सकेगा। संस्थान में जो बाहर मूर्तियां आदि रखी हैं, वह मजबूत है लेकिन मैं फिर भी उन्हें दिखवाता हूं।
पीके झा, निदेशक, कल्चरल