अकारण बढ़ रहा गुस्सा
मनोवैज्ञानिक डॉ. रत्ना जौहरी का कहना है कि वर्तमान में युवा गुस्सैल रवैया अपना रहा है। इसका सीधा कारण यह है कि वह दिमागी तौर पर अस्वस्थ भी हो रहे हैं। लोगों से इमोशनली अटैचमेंट भी नहीं रह गया है, जिसके कारण जरा ही बात पर अपराधों को भी अंजाम दे देते हैं। मिस कम्यूनिकेशन के कारण अंडरस्टेडिंग खत्म हो चुकी है और छोटी-छोटी बातों पर उनमें बदला लेने की प्रवृत्ति देखने को मिल रही है।
यह हैं कुछ कारण
– दिमागी ठहराव का न होना
– दिमागी तौर पर अस्वस्थ्य होना
– इमोशनली अटैचमेंट न होना
– बदला लेने की प्रवृत्ति बढऩा
– दोस्तों द्वारा उकसाया जाना
– धैर्य नहीं होना
– लोगों से शेयरिंग की आदत खत्म होना
– क्षणिक निर्णय लेना
– वार्तालाप का आभाव होना
अब दोस्ती भी खतरा
काउंसलर डॉ. सुमित पासी ने बताया कि युवाओं और टीनएजर्स के अपराधों में इन्वाल्व होने के पीछे एक बड़ा कारण दोस्तों का भटकाव की स्थिति निर्मित करना भी है। आमतौर पर युवा और टीनेजर्स फैमिली मेंबर्स से इस तरह की बातों को साझा नहीं करते, लेकिन दोस्तों से प्यार की बातों को साझा करना एक्सपोजर समझते हैं। ऐसे में किसी भी तरह की बात होने के पर वे एक दूसरे को उनके के दिमागी स्तर की सलाह देते हैं। वे आसानी से दोस्तों को उकसाते हैं जिसके चलते आवेग में आकर लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं।