जीआरपी थाना प्रभारी मंजीत सिंह ने बताया कि बेंगलूरुसे रीवा तक जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन को रात ढाई बजे मुख्य रेलवे स्टेशन पहुंचना था। लेकिन, यह ट्रेन सुबह पांच बजे जबलपुर स्टेशन पहुंची। इसमें जबलपुर के 11, डिंडोरी के 15, सिवनी के नौ, उमरिया के दो, सागर के 39, छिंदवाड़ा के 15, कटनी के 50, छतरपुर के 17, टीकमगढ़ के नौ, बालाघाट के तीन और मंडला के 23 श्रमिक समेत कुल 193 श्रमिक जबलपुर रेलवे स्टेशन पर उतरे। वहीं दूसरी ट्रेन पनवेल से रीवा शाम सवा पांच बजे जबलपुर स्टेशन पहुंची। इसमें डिंडोरी के 37, दमोह और भोपाल के सात-सात, सिवनी, उमरिया और जबलपुर के दो-दो, सागर के पांच, अनूपपुर के चार, कटनी के नौ तथा मंडला, सिवनी, बालाघाट, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और छतरपुर के एक-एक श्रमिक समेत कुल 65 श्रमिक उतरे। श्रमिकों को ले जाने के लिए बसें ट्रेनों के निर्धारित समय सये पूर्व मुख्य रेलवे स्टेशन पहुंच गई थीं।
रविवार को दो श्रमिक स्पेशल टे्रन में सवार श्रमिकों को बसों के जरिए गृह जिले भेजा गया। बसें निर्धारित समय पर स्टेशन पहुंच गई थीं। ट्रेन लेट होने के कारण देरी से रवाना हुईं।
संतोष पाल, आरटीओ