सवाल-कोराना के कठिन समय में दिनरात काम किया, आपकी उर्जा, सकारात्मकता के स्त्रोत क्या है।
छात्रा-श्रीन दुबे, सेकेंड ईयर
सीएम जवाब-वे सात दिन मुझे भूलते नहीं मैं सोया नहीं, जब आक्सीजन जैसा संकट पैदा हुआ। आक्सीजन टैंकर के ड्राइवर से बात करता है। मन में एक संकल्प था जनता को बचाना है। संकल्प शक्ति और दृढ इच्छा शक्ति की जरूरत है। परिश्रम पूर्वक प्रयास करे तो लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।
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सवाल-कॉलेजों में अच्छी शिक्षा के बाद भी कौशल के मामले में हम पीछे रह जाते हैं।
छात्रा-रितिकां शर्मा, द्वितीय वर्ष
सीएम जवाब-स्किल्ड मेन पॉवर हमारे पास नहीं है। इस गैप को भरने आईटीआई पॉलीटेक्निक को सुदुढ़ किया जा रहा है। सिंगापुर की तर्ज पर हम ग्लोबल स्किल्ड पार्क भोपाल में बना रहे हैं जहां ६ हजार बच्चों को एडमिशन मिलेगा। यहां से निकलने वाले को रोजगार मिलेगा।
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सवाल-प्रदेश के विकास के लिए औद्योगिकरण को बढ़ावा कैसे दिया जाए।
छात्रा-आर्या सिंह ठाकुर, इलेक्ट्रानिक्स
सीएम जवाब-हमने उद्योगनीति को इंवेस्टर्स फ्रेंडली बनाई है। आत्मनिर्भर मप्र के माध्यम से 30 दिन के अंदर औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं। बाहर से ही उद्योगपति न आएं बल्कि युवा भी उद्योग लगाना सोचे। इसके लिए अटल एक्सप्रेस वे, जबलपुर-रीवा-सतना-सिंगरौली कारीडोर बनाने पर विचार कर रहे हैं।
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सवाल-प्रदेश में युवाओं को जोड़कर पर्यटन को बढ़ाने क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
छात्रा-पूर्णिमा श्रीवास्तव, कम्प्यूटर साइंस
सीएम जवाब-प्राकृतिक संसाधन भरे पड़े हैं। तीन-तीन वल्र्ड हेरिटेज हैं। डेमों आईलेंड बनाने, बफर में सफर, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोड बेहतर करने के साथ मार्केटिंग पर काम किया जा रहा है। युवाओं को भी कोर्स के माध्यम से ट्रेंड कर रहे हैं।
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सवाल-युवा इंजीनियरों को आगे बढऩे सरकार क्या काम कर रही है।
छात्र-रजनीश कुशवाहा, आईटी द्वितीय वर्ष
सीएम जवाब-निर्धन मेधावी परिवारों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने के साथ ही युवा इंजीनियरों को कांट्रेक्टर बनाने की योजना शुरू कर रहे हैं। इसमें उन्हें ट्रेनिंग देकर सफल कांट्रेक्टर बनाया जाएगा।