news fact- 1965 व 1971 युद्ध के लिए मिले मेडल लौटाने के लिए राष्ट्रपति को लिखा पत्र
जहां सेना में मैडल प्राप्त सैनिक की विधवा ने राष्ट्रपति को मैडल लौटाने का आवेदन दिया है। उसका कहना है कि वह पेंशन के लिए महीनों से भटक रही, पर सिस्टम ने उसे उसका हक नहीं दिया है। वीरता के लिए सैनिक को मिले आधा दर्जन मैडल लौटाकर वह ये कहना चाहती है कि देश की खातिर जिसने जीवन मिटा दिया, उसके परिवार का सरकार ध्यान नहीं रख सकती तो ये मैडल किस काम के हैं।
यह है मामला-
देश मेरे पति के लिए सर्वोपरि था। मुझे भी अपना देश प्राणों से प्यारा है। मेरे पति ने 1965 व 1971 में देश के लिए युद्ध लड़ा। वीरता के लिए उन्हें 6 मैडल देकर सम्मानित किया गया। जिनमें संग्राम मेडल व रक्षा मेडल शामिल हैं। उनके दिवंगत होने पर मुझे जीवन-यापन के लिए पेंशन भी नसीब नहीं हो रही है। फिर ऐसे मेडल का क्या मतलब है उन्हें वापस ले लिया जाए। ये कहते हुए दिवंगत सैनिक रहेन्द्रचन्द्र बर्मन की पत्नी बिजलीरानी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में पत्र सौंपा। इसमें लिखा है कि वे निराश हैं।
उन्होंने बताया कि 10 सितम्बर 2017 को उनके पति का निधन हो गया था। उसके बाद पेंशन के लिए हर फोरम पर गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पीएमओ में शिकायत की तो एक मई 2018 को जिला प्रशासन ने एओसी रेकॉर्ड सिकंदराबाद कार्यालय से मंगाया। लेकिन, प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने शपथ पत्र देने से इनकार कर दिया। कलेक्टर ने उचित सहयोग करने का आश्वासन दिया है।