गजब हालात हैं यहां! बारिश न हो तो हायतोबा, फुहार पड़ते ही सड़कें बन जाती हैं तालाब
जबलपुर शहर में पानी की निकासी नहीं होने से थोड़ी बारिश में भी बनती है जलप्लावन की स्थिति
जबलपुर। नर्मदा के किनारे होने के बावजूद जबलपुर शहर के कई हिस्सों में पानी के लिए पूरे साल हायतोबा मची रहती है। कई क्षेत्रों में जलस्तर रसातल में पहुंच गया है। गर्मी शुरू होते-होते तो मारामारी की स्थिति बन जाती है। मई के अंत से ही लोग मानसून का इंतजार करने लगते हैं। लेकिन, शहर में हल्की बारिश होने से ही कई क्षेत्रों में जलभराव से हाहाकार मच जाता है। लोगों की रातें घर से पानी उलीचने में निकल जाती हैं। दिन कीचड़ साफ करने में गुजर जाता है। सड़कें तालाब बन जाती हैं। नाले ऐसे उफान मारने लगते हैं कि देखने से डर लगता है। जिम्मेदारों की अनदेखी और हीलाहवाली से पूरे शहर को दोहरी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
सीवर रुला रहा है
करीब 10 साल से शहर में सीवर लाइन प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। लेकिन, काम की गति देखकर सरकारी सिस्टम को हर कोई गाली दे रहा है। इतने साल में अभी यही नहीं पता है कि सीवर का काम हुआ कितना है? आगे भी कितने साल यह काम चलेगा, इसका भी अंदाजा किसी को नहीं है। सीवर लाइन के लिए जितना काम हुआ है, वह इस कदर बिगड़ गया है कि यह प्रोजेक्ट लगभग अरारज हो गया है। इसके कुछ ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर भाग चुके हैं। नए आने वाले नए सिरे से काम की शुरुआत करते हैं। कुछ दिन बाद उनको भी समझ नहीं आता कि आखिर सीवर को आपस में जोड़ें कैस?
विकास कार्यों का कोई मैप नहीं
शहर में जितने भी विकास कार्य होते हैं, उनका कोई मैप नहीं होता। सड़क कितनी चौड़ी बननी है? नाली कहां से निकलने है? जलनिकासी के लिए क्या खाका तैयार करना है, इसका किसी से लेना-देना नहीं है। कॉलोनियां झाडिय़ों की तरह कहीं भी उग जाती हैं। उस कॉलाने का पानी कहां से निकलेगा, इसके बारे में तब सोचा जाता है, जब घरों में कमर बराबर पानी भर जाता है। इसका नतीजा यह है कि बारिश होते ही सड़कों पर पानी भर जाता है। संकरे नाले उफान मारने लगते हैं। सीवर के खुले मुंह हादसे को निमंत्रण देने लगते हैं।
Home / Jabalpur / गजब हालात हैं यहां! बारिश न हो तो हायतोबा, फुहार पड़ते ही सड़कें बन जाती हैं तालाब