जबलपुर. गांव के देशी जुगाड़ को अब मंच मिल सकेगा। जिले के ग्रामीण युवाओं को केंद्रित करते हुए ऐसा प्रयास किया जा रहा है। भारत सरकार एवं कृषि एग्रो बिजनेस यूनिट संयुक्त रूप से इस दिशा में काम करेंगे। कृषि एक्सपर्ट किसान एवं ग्रामीण युवाओं को राह दिखाएंगे ताकि उनके आइडिया को स्टार्टअप के मंच तक पहुंचाया जा सके। यहीं नहीं ग्रामीण युवाओ को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रांट भी प्रदान की जाएगी।
इसलिए पड़ी जरूरत ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी को लेकर युवा और किसान कई तरह से अपने स्तर पर दबे-छिपे स्वदेशी जुगाड़ तकनीक को अपनाकर वर्षों से काम कर रहे हैं। उनकी यह तकनीक एक जगह सीमित होकर रह जाती है। उन्हें किसी तरह का मंच या प्रोत्साहन नहीं मिलता । ऐसे में उनके छोटे-छोटे इनोवेशन खेती किसानी के लिए रोल मॉडल बन सकते हैं। इसे देखते हुए पहली बार कॄषि से जुड़े ग्रामीण युवाओं को स्टॉर्टअप के रूप में सामने लाने का प्रयास हो रहा है।
एक माह की ट्रेनिंग गांव के युवाओं को उद्यमिता की ओर लाने के लिए एक माह तक प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें उनकी शंकाओं के समाधान के साथ ही एक्सपर्ट के तजुर्बों का लाभ मिल सके। देश की विभिन्न कंपनियों के हेड और कृषि सलाहकार, एक्सपर्ट इसमें शामिल होंगे। यह ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम 30 जून तक संचालित किया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ऑनलाइन रखने का उददेश्य है कि एक्सपर्ट से लेकर ग्रामीणों को आने-जाने में सहूलियत हो सके।
ग्रामीण क्षेत्रो में युवा आज खेती के क्षेत्र में खुद की जुगाड़ तकनीक से बेहतरीन काम कर रहे हैं। उनके इस इनोवेटिव आईडिया को स्टार्टअप के रूप प्रमोट करने के लिए भारत सरकार के सहयोग से यह प्रयास किया जा रहा है। अधिक से अधिक युवा आगे आए।
डॉ.मोनी थॉमस, डॉयरेक्टर कृषि व्यावसायिक प्रबंधन संस्थान
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