जलदाय विभाग अब बनास नदी स्थित स्रोतों को भूलता रहा है। अब उसे आस बीसलपुर बांध की नाथड़ी परियोजना से है।
ऐसे में इसका खामियाजा शहर की बड़ी आबादी को उठाना पड़ रहा है।
इसके बावजूद इस गम्भीर समस्या का हल निकालने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। गत 9 अगस्त को बीसलपुर बांध से बनास नदी में छोड़े गए पानी के चलते जलदाय विभाग के नदी स्थित स्रोत क्षतिग्रस्त हो गए।
अब तीन दिन में एक बार की जा रही जलापूर्ति भी पर्याप्त नहीं है। ये भी कई उपभोक्ताओं तक पहुंच नहीं पा रही है।
जलदाय विभाग के मोलाईपुरा में 43, गहलोद घाट के समीप 27, बनास पुल के समीप 11 कुएं हैं।
इनमें से मोलाईपुरा में 23, गहलोद में 14 व बनास पुल के पास 5 खत्म हो गए थे। बनास नदी में आए पानी के बाद ये सभी कुएं रिचार्ज हो गए और सभी से एक बारगी जलापूर्ति की जाने लगी,
जलदाय विभाग बनास नदी स्थित जलस्रोतों पर ध्यान देती तो आज शहर पानी संकट का सामना नहीं करता।
पार्षदों ने दी चेतावनी
शहर में जल संकट को लेकर कांग्रेस के पार्षदों ने जिला कलक्टर से मुलाकात की। उन्हें तीन दिन में जलापूर्ति में सुधार नहीं करने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है।
फेक्ट फाइल
17210 कनेक्शन
2 लाख आबादी
250 लाख पानी की जरूरत
100 लाख नाथड़ी से
100 लाख नदी के स्रोतों से
10 अगस्त से जलापूर्ति ठप
81 कुएं बनास नदी में
100 ट्यूबवैल शहर में
500 हैण्डपम्प शहर में
अब कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी
जलदाय विभाग, प्रशासन तथा सत्ता पक्ष एक पेयजल संकट वाली आपदा भी नहीं झेल सकते तो गम्भीर स्थिति में ये भाग खड़े होंगे।
जनता में गुस्सा उबल रहा है। ऐसे में कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। जल्द ही प्रदर्शन कर घेराव किया जाएगा।
– रामबिलास चौधरी
जिलाध्यक्ष कांग्रेस, टोंक
कुछ नहीं कर सकते
बनास नदी स्थित कुएं पूरी तरह से जवाब दे चुके हैं। ऐसे में कुछ नहीं किया जा सकता। बजट भी नहीं मिल रहा है। अब उम्मीद बीसलपुर बांध से मिलने वाले पानी से ही है।
– राजेश गोयल
अधीशासी अभियंता, जलदाय विभाग टोंक