scriptनई तहसीलें बनने के बाद ‘भूल-भुलैया’ में खोजने पड़ते हैं हल्का नम्बर | Survey starts work after new Tehsils formation | Patrika News
जबलपुर

नई तहसीलें बनने के बाद ‘भूल-भुलैया’ में खोजने पड़ते हैं हल्का नम्बर

नई तहसीलों के गठन के बाद सर्वे का काम शुरू
 

जबलपुरJun 02, 2019 / 12:21 am

prashant gadgil

patrika

farm

जबलपुर। जिले में तीन नई तहसीलों के गठन के बाद राजस्व संबंधी कामों में दिक्कत को दूर करने के लिए नए सिरे से हल्काबंदी होगी। इनका नम्बर एक से शुरू होगा। नई तहसीलों के गठन के कारण हल्का नम्बर यहां से वहां हो गए हैं। इससे खसरा सुधार, नामांतरण और दूसरे कामों में व्यवहारिक कठिनाइयां सामने आ रही हैं। इसमें सुधार किया जाएगा। इसके लिए भू-अभिलेख विभाग ने सभी तहसीलदारों से क्रमांक देने के लिए रिपोर्ट मांगी है। यह लगभग फाइनल हो गई है। माना जा रहा है कि नई व्यवस्था के तहत एक हल्का एक पटवारी की व्यवस्था शुरू हो सकती है। जिले में वर्तमान में 10 तहसील हैं। इनमें करीब 604 हल्के हैं। सबसे ज्यादा 100 पटवारी हल्का जबलपुर तहसील के अंतर्गत हैं। वहीं सबसे कम १२ नवगठित गोरखपुर तहसील में हैं। नई तहसीलों का गठन तो हो गया लेकिन हल्काबंदी की कार्रवाई नहीं हुई। इससे आम लोगों को नक्शा और खसरा संबंधी कामों में काफी दिक्कतें हो रही हैं। कुछ पटवारियों के पास इतने बडे़ हल्के हैं कि उसमें चार से पांच बडे़ गांव हैं। जैसे अधारताल तहसील के पटवारी हल्का नम्बर एक की बात कह जाए तो इसमें एक पटवारी के अंतर्गत अधारताल, बैतला, गोहलपुर और माढ़ोताल शामिल है। एेसें में यदि कोई व्यक्ति जल्दी खसरा में सुधार करवाना चाहता है तो वह नहीं हो पाता है।
गांव में कम शहर में ज्यादा
गांव की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में राजस्व संबंधी काम ज्यादा होते हैं। आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का डायवर्सन और नामांतरण संबंधी काम कम होता है। जबकि शहरी क्षेत्र में यह अधिक संख्या में होता है। क्योंकि शहर और आसपास के इलाकों में आवास निर्माण योजना ज्यादा संचालित होती हैं। मप्र पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष जागेन्द्र पिपरी का कहना था कि हल्के नम्बर में बदलाव जरुरी है। यही नहीं हर गांव में एक पटवारी हो, इसकी मांग भी प्रशासन से की गई है। क्योंकि अभी एक पटवारी के लिए दो से तीन गांव के हल्का नम्बर में काम करना आसान नहीं होता। अधीक्षक भू-अभिलेख रीति सोनवे के अनुसार नई तहसील के गठन से पटवारी हल्का नम्बर यहां से वहां हो गए हैं। इनमें सुधार के लिए नए सिरे से हल्काबंदी की जानी है। सभी तहसीलों में एक नम्बर से हल्का नम्बर शुरू होगा। इसके लिए तहसीलदारों से रिपोर्ट मांगी गई है।

 

Home / Jabalpur / नई तहसीलें बनने के बाद ‘भूल-भुलैया’ में खोजने पड़ते हैं हल्का नम्बर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो