ऐसे सामने आया मामला
जानकार सूत्रों अनुसार ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में कुछ काम ठेका पद्धति से कराए जा रहे हैं। इनमें सैकड़ों की संख्या में ठेका श्रमिक कार्य कर रहे हैं। इस बीच फैक्ट्री के सुरक्षा विभाग को जानकारी मिली कि यहां काम कर रहे कुछ ठेका श्रमिकों के दस्तावेज संदिग्ध हैं। वे बांग्लादेशी या फिर अन्य संदिग्ध हो सकते हैं। इस खबर से फैक््री प्रबंधन में हडक़म्प मच गया। आनन-फानन में जांच के निर्देश हुए।
सभी की जन्म तारीख 1 जनवरी
संदेह के आधार पर सुरक्षा प्रभारी चंचल दुबे के नेतृत्व में श्रमिकों से पूछताछ का दौर शुरू हुआ। फैक्ट्री के अन्य बड़े अफसर मौके पर पहुंच गए। अफसरों ने जैसे ही श्रमिकों के दस्तावेज देखे तो वे हैरान रह गए। यहां एक ठेकेदार के अंडर में काम कर रहे 25 ठेका श्रमिकों में 24 श्रमिकों के आधार कार्ड में उनकी डेट ऑफ एक जैसी यानी 1 जनवरी दर्ज थी। सन अलग-अलग थे, लेकिन अफसरों के कान खड़े हो गए। सभी के मन में एक ही सवाल आया कि 25 में से 24 श्रमिकों के आधार कार्ड में डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी दर्ज होना महज संयोग नहीं हो सकता। यह संदिग्ध और गंभीर है। अंतत: सुरक्षा विभाग की टीम ने कुछ ठेकेदारों के श्रमिकों के पीवीआर सहित अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। इसकी रिपोर्ट वरिष्ठ महाप्रबध्ंाक को भेजी गई है।
विजिटर पास पर प्रवेश
सुरक्षा विभाग ने एक अन्य मामले में यहां पर एक ठेकदार के सुपरवाइजर की चालाकी भी पकड़ी। बताया गया है कि ठेकेदार एमएस सिद्दीकी यहां निर्माण कार्य करा रहा है। उसके डम्पर से गिट्टी, रेत, सीमेंट लाई जाती है। सुरक्षा विभाग ने गेट पर डम्पर चालक को पकड़ा, जो दूसरे के विजिटर पास के बदले फैक्ट्री में प्रवेश कर रहा था। उसका पास जब्त कर लिया गया है।
लोड करते थे बम
जानकारों को कहना है कि पकड़े गए संदिग्ध ठेका श्रमिक एक समुदाय विशेष से संबंधित हैं। ये सभी बमों की लोडिंग का काम करते थे। इस खुलासे के बाद पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं कि आखिरकार श्रमिकों के दस्तावेजों की जांच गंभीरता से क्यों नहीं की गई। एक जैसी जन्म तारीख पर संदेह के आधार पर इन्हें पहले ही पकड़ा जा सकता था। अधिकारियों को पुख्ता संदेह है कि आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज फर्जी हो सकते हैं, जो कि इन ठेका श्रमिकों के लिए विशेष तौर पर बनाए गए हैं।
इंटेलीजेंस को दी जानकारी
संदिग्ध ठेका श्रमिकों का मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को सुबह से ही फैक्ट्री में सुरक्षा व्यवस्था सख्त रही। कड़ी सुरक्षा के बीच आने-जाने वालों से पूछताछ का क्रम जारी रहा। वहीं संदिग्ध श्रमिकों को काम से रोक दिया गया है। उनसे व ठेकदारों से पूछताछ की जा रही है। मामला आर्मी परिसर व देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। यह देखते हुए सुरक्षा विभाग ने इसकी जानकारी इंटेलीजेंस विभाग को भी दे दी है। माना जा रहा है कि पूूछताछ में बड़ा खुलासा हो सकता है।
पुलिस के हवाले किए दस्तावेज
सभी श्रमिकों की एक जैसी जन्म तारीख को फैक्ट्री प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। माना जा रहा है कि ये श्रमिका बांग्लादेशी और सुरक्षा के लिए खतरा भी हो सकते हैं। ओएफके के वरिष्ठ महाप्रबंधक एके अग्रवाल ने बताया कि फैक्ट्री और इस्टेट में नियम विरुद्ध गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए है। संदिग्ध श्रमिकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इन्हें सत्यापन के लिए पुन: एसपी के पास भेजा गया है। सत्यता सामने आने के बाद ठोस कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इन ठेका श्रमिकों से काम रोक दिया गया है।