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जबलपुर

पटरी में पड़े गंदे कप धोकर ट्रेन में पिलाई जाती है चाय-कॉफी, यकीन नहीं तो खुद देखें वीडियो

स्टेशनों में चाय-काफी बेचने वाले वेंडर्स डिस्पोजल कपों का धो-पोंछकर कर रहे दोबारा उपयोग

जबलपुरMay 03, 2018 / 05:44 pm

deepankar roy

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जबलपुर। जिन प्लास्टिक और थर्माकोल के कप के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा रहता है। रेलवे स्टेशन में प्लास्टिक और थर्माकोल से बनें उन कपों को धोकर दोबारा उपयोग में लाया जा रहा है। यात्री झूठे कपों में चाय पी रहे हैं। यह सनसनीखेज मामला जबलपुर रेलवे स्टेशन में सामने आया है। जहां, स्टेशन में चाय बेचने वाले वेंडर यात्रियों रेलवे की तमाम व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ा रहे है। वे खुलेआम यात्रियों द्वारा उपयोग के बाद फेंके गए डिस्पोजल आइटम को धो-पोंछकर दोबारा उसी में चाय और अन्य खाद्य सामग्री परोस रहे है। इस मामले के सामने आने के बाद रेलवे स्टेशन की खान-पान व्यवस्थाओं एक बार फिर सवालों के घेरे में है। वहीं, दोबारा उपयोग में लाए जा रहे डिस्पोजल में चाय पीकर यात्रियों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।

खुलेआम चल रहा खेल
रेलवे स्टेशन में यात्रियों द्वारा फेंके जाने वाले डिस्पोजल के कपों का धड़ल्ले से दोबारा उपयोग किया जा रहा है। आमतौर पर यात्री चाय, काफी और कोल्डड्रिंक पीने के बाद डिस्पोजल कपों को पटरियों के किनारे और प्लेटफॉर्म में लगे डस्टबिन में फेंक देते है। इन जगहों से यह कप दोबारा वेंडर्स तक पहुंच जाते है। उपयोग हो चुके कपों को वेंडर्स अपेक्षाकृत कम कीमत पर खरीद लेते है। उन्हें साफ करके यात्रियों को फिर से उसी डिस्पोजल कप पर चाय दे दी जाती है।

सफाई कर्मियों से साठगांठ
यात्रियों द्वारा फेंके गए डिस्पोजल कपों को दोबारा उपयोग का पूरा खेल रेलवे स्टेशन में साफ-सफाई करने वाले कर्मचारियों की साठगांठ से चल रहा है। सूत्रों के अनुसार अधिकांश यात्री चाय-काफी, कोल्डड्रिंक पीने के बाद कप को रेल पटरियों के किनारे और प्लेटफॉर्म के डस्टबिन में फेंक देते है। सफाई कर्मी इसमें साबूत बचे कपों को एकत्रित कर लेते है। उसके बाद कपों को स्टेशन के नलों के नीचे रखकर ही सफाई से धो लेते है। इसके बाद धुले हुए डिस्पोजल कप स्टेशन में चाय-कॉफी बेचने वाले वेंडर्स को बेच दी जाती है।

बीमारी का खतरा
रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में प्रतिदिन हजारों लोगों की आवाजाही होती है। ऐसे में किसी बीमार व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाए गए डिस्पोजल कप के दोबारा अन्य व्यक्ति द्वारा प्रयोग करने पर उसे भी संबंधित बीमारी के संक्रमण से ग्रसित होने का खतरा होता है। ऐसे में वेंडर्स की लापरवाही के कारण यात्री गंभीर संक्रमण की चपेट में आ सकते है। उनकी चंद रुपए ज्यादा कमाने की लालच में यात्री बड़ी मुसीबत से घिर सकते है।

रेल अधिकारी अनजान
रेलवे स्टेशन में खुलेआम डिस्पोजल कपों को बटोरने और उसके बाद वहीं प्लेटफॉर्म पर लगे नलों में उसकी धुलाई करके उन्हें वेंडर्स को बेचा जा रहा है। लेकिन स्टेशन के कई चक्कर लगाने वाले अधिकारियों से लेकर आरपीएफ और जीआरपी तक जिम्मेदारों को यह अवैध खेल नजर नहीं आ रहे है। साठगांठ के चलते वेंडर्स मनमानी कर रहे है।

यात्री इस बात का रखें ध्यान
ट्रेनों में सफर करने वाले और स्टेशन जाने वाले अधिकांश यात्री चाय-काफी सहित किसी अन्य पेय पदार्थ को ग्रहण करने के बाद डिस्पोजल कप को वैसे ही फेंक देते है। यात्रियों को चाहिए कि वे डिस्पोजल कप, बोतल को तोड़-मरोड़कर फेंके। इससे डिस्पोजल आइटम दोबारा उपयोग के लायक नहीं रहेंगे। यात्री उन्हें बिना क्रस किए फेंक देते है, इस कारण वेंडर्स इन्हें धोकर आसानी से दोबारा उपयोग में ले आते है।

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