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जबलपुर

स्टेट बैंक पर दस हजार रुपए की कॉस्ट

कोर्ट के आदेश पर भी नहीं लौटाई जमा रकम, पर्याप्त अवसर देने के बाद भी नहीं दिया जवाब
 

जबलपुरFeb 16, 2019 / 01:02 am

prashant gadgil

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mp high court

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने पर्याप्त अवसर देने के बाद भी जवाब न देने पर भारतीय स्टेट बैंक की आष्टा सीहोर शाखा पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई। जस्टिस अतुल श्रीधरन की सिंगल बेंच ने जवाब के लिए अंतिम अवसर देते हुए कहा कि 18 मार्च तक जवाब न देने पर इसका मौका खत्म कर दिया जाएगा। जिला सीहोर के आष्टा निवासी शैलेन्द्र सिसोदिया ने याचिका में कहा कि वे भारतीय स्टेट बैंक आष्टा में सीनियर असिस्टेंट थे। उन पर 21 लाख 943 रुपए गबन के आरोप में धारा 420 और 409 का प्रकरण दर्ज किया गया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सीहोर के आदेश पर उन्होंने 21 लाख 943 रुपए बैंक में जमा कर दिया। इस राशि में से 8 लाख रुपए पीडि़त को दे दिए गए। इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने बैंक को 13 लाख 943 रुपए याचिकाकर्ता को वापस करने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश के बाद भी उन्हें रकम नहीं लौटाई गई। इस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई। हाईकोर्ट ने 13 नवंबर 2017, 24 नवंबर 2017, 5 सितंबर 2018 और 10 जनवरी 2019 को बैंक को जवाब के लिए अवसर दिया, लेकिन जवाब नहीं दिया गया। इस पर नाराज होकर कोर्ट ने बैंक पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगा दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कपिल शर्मा ने पक्ष रखा।

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