जबलपुर। शहर में कोविड-19 वैक्सीन लगवाने में स्वास्थ्य कर्मी ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रहे है। एसएमएस मिलने पर भी समय पर वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंच रहे हैं। आलम यह है कि शहरी केंद्रों में तीसरे दिन 59 प्रतिशत टीकाकरण हुआ। शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में कोविड वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य कर्मियों में ज्यादा उत्साह नजर आया। यहां 68 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके लगवाए। वैक्सीनेशन सेंटर में टीका लगवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या कम होने से अब एसएमएस आने पर ही वैक्सीन लगने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। पहले चरण के लिए पंजीकृत सरकारी स्वास्थ्य कर्मी बिना एसएमएस सीधे वैक्सीनेशन सेंटर जाकर टीका लगा सकेंगे। लेकिन, सेंटर में कोविन ऐप पर सम्बंधित की जानकारी वेरीफाई होने के बाद ही टीका लगाया जाएगा। एसएमएस आने पर भी जो टीका लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं, उन्हें पोर्टल दो मौके देगा। इसके बाद उसका नाम टीके के लिए पंजीकृत व्यक्ति की सूची से हट जाएगा।
जिले को मिली 22 हजार वैक्सीन की एक और खेप
जिले में बुधवार को विमान से कोविड वैक्सीन की दूसरी खेप पहुंची। इसमें कोविड वैक्सीन की लगभग एक लाख 24 हजार डोज है। इसमें जबलपुर सम्भाग की 75 हजार और बाकी रीवा और शहडोल सम्भाग के लिए हैं। नई खेप में जिले को 22 हजार वैक्सीन और मिलने से टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।