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जबलपुर

कौन कहता है लोकनृत्य बीते दिनों की बात है?

मालवा अंचल के गणगौर लोकनृत्य में जबलपुर के वेटरनरी कॉलेज के भावी डॉक्टर्स ने दी शानदार प्रस्तुति
 

जबलपुरMar 01, 2020 / 06:20 pm

shyam bihari

कौन कहता है लोकनृत्य बीते दिनों की बात है?

folk dance

जबलपुर। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में शनिवार को अंतर महाविद्यालयीन खेलकूद और सांस्कृतिक स्पर्धाओं का आयोजन हुआ। इसमें कॉलेज के भावी डॉक्टर्स ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के मालवा अंचल के लोकनृत्य गणगौर की प्रस्तुति दी। मेजबान कलाकारों ने ‘पिया जी म्हाने खेलन दो गणगौर… की धुन पर नृत्य किया तो आयोजन स्थल तालियों की गडगड़़ाहट से गूंज उठा। क्विज प्रतियोगिता, लोकनृत्य, एकल नृत्य एवं बॉलीवुड नृत्य स्पर्धा में भी महू, रीवा और जबलपुर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

एकल गीत में तनु मिश्रा, देशभक्ति गीत में अनुश्री बनर्जी, लोकनृत्य में सृष्टि दीक्षित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में अर्पणा ठाकुर, कॉलेग में मोना चौरसिया, पोस्टर प्रतियोगिता में सोनल मकोडे, क्ले मॉडलिंग में तेजस्वी मेसराम, रंगोली में अनुश्री बनर्जी ने बाजी मारी। माइम में जबलपुर महाविद्यालय के ओजल सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्किट और एकल अभिनय में नीलम सिंह एवं उनके साथी और शशांक विश्वकर्मा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। विशेषज्ञ स्वाति मोदी तिवारी, देवेंदर सिंह ग्रोवर, मनीराज, मनी डान्स स्टूडियों, डॉ शैली धोपे उपस्थित रहे।
ये प्रतियोगिताएं भी हुईं
क्रिकेट मैच, 200 मी दौड़, 800 मीटर दौड़, टग ऑफ वार, कैरम आदि प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। भावी डॉक्टरों ने कहा कि लोकनृत्य कभी नहीं खत्म वाली कला है। इसमें पारंगत होना समय की मांग हैद्ध

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