बिना डिग्री डॉक्टरी करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई
-जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने पूछा
जबलपुर बिना डिग्री डॉक्टरी प्रेक्टिस करने वालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कार्रवाई नहीं करने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, जबलपुर कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ सहित अन्य को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। कोर्ट ने इस मामले में 4 दिन के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
साठिया कुआं जबलपुर के निवासी ऋषिकेश सराफ की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता परितोष गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने जबलपुर शहर में आयुर्वेद, होम्योपैथी व अन्य पद्धतियों से प्रशिक्षित 28 चिकित्सकों द्वारा एलोपैथी से इलाज करने की शिकायत की थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इनमें से 13 की जांच की और सिर्फ पांच के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया। किसी भी झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक को सील नहीं किया गया। तर्क दिया गया कि कोरोना महामारी संक्रमण काल में भी ये झोलाछाप डॉक्टर बिना एलोपैथिक डिग्री के सर्दी खांसी बुखार जुकाम आदि लक्षणों वाले मरीजों का एलोपैथिक दवाओं के जरिए इलाज कर रहे हैं। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका में बनाए गए अनावेदको को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 26 जून को होगी।
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