इस मामले में अधिवक्ता आरपी कनौजिया ने हस्पक्षेप आवेदन प्रस्तुत कर कहा कि माढ़ोताल के अलावा शहर के कई शासकीय तालाब हैं, जिनका निजीकरण उन्हें बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि तिलहरी, अमखेरा, तेवर, सिलुआ, बूढ़ा सागर समेत कई ऐसे जलाशय हैं जोकि शासकीय मद में दर्ज हैं, लेकिन उन्हें निजी हाथों में देकर अवैध निर्माण कराया जा रहा है।