महिला एवं बाल विकास अधिकारी सिहोरा इंद्र कुमार साहू ने बताया कि दोपहर में सूचना मिली की टिकरिया नवीन गांव में परशुराम चक्रवर्ती अपनी 16 वर्षीय बेटी की शादी करवाने वाला है। बारात गोसलपुर के पास लखनपुरा से आने वाली है। खबर लगते ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रजनी पाठक, महिला सशक्तिकरण अधिकारी रानू शिवहरे, सेक्टर प्रभारी रजनी राठौर, मेला हरदिया के साथ मझगवा थाने का पुलिस बल टिकरिया नवीन गांव पहुंचा। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने नाबालिग के परशुराम चक्रवर्ती को समझाइश दी कि बाल विवाह करना अपराध की श्रेणी में आता है। बाल विवाह अधिनियम के अंतर्गत ऐसा करने पर दो साल की सजा और दो लाख जुर्माने का प्रावधान है। एक घंटे की समझाइश के बाद पिता बाल विवाह नहीं करने के लिए राजी हो गए। उन्होंने अधिकारियों को लिखित में आवेदन दिया की वह बेटी शादी उसके बालिग होने पर ही करेंगे।
पूर्व में भी दे चुके हैं समझाइश
महिला एवं बाल विकास अधिकारी इंद्रकुमार साहू ने बताया कि परशुराम ने 2016 में भी नाबालिग बेटी की शादी करने की कोशिश की थी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने दो बार परिवार के लोगों को समझाइश भी दी थी और उनसे प्रतिवेदन भी लिया था। इसके बावजूद परिजन दोबारा बाल विवाह करने लगे।