51-150-5.05-109 रुपए 151-300-6.45-24 रुपए 300-6.65-25 रुपए इस कारण भी बढ़ा बिल -तीन फीसदी बिजली दर में वृद्धि -समय पर रीडिंग नहीं -बिजली की खपत बढ़ना -तीस दिन के बाद बिलिंग
-अतिरिक्त सुरक्षा निधी का आकलन होना यह है िस्थति -3.5 लाख घरेलू उपभोक्ता -45 हजार व्यावसायिक उपभोक्ता जबलपुर। जून का महीना करीब खत्म होने को आ गया है। उधर, शहर में करीब 35 फीसदी ही रीडिंग हो पाई है। ऐसे में रीडिंग में देरी के कारण बिजली बिल में भी लगातार इजाफा हो रहा है। यह बढ़ोत्तरी उपभोक्ताओं के बजट पर भारी पड़ रही है। उधर, कंपनी के अफसर खपत बढ़ने का हवाला दे रहे हैं।
1.23 लाख घरों में हुई रीडिंग बिजली कंपनी अभी तक 1 लाख 23 हजार घरों की ही बिजली रीडिंग करा पाई है। करीब 2 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं की राडिंग अभी होना शेष है। इन उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से बिजली बिल भेजना भी शुरू कर दिया गया है। अधिकांश उपभोक्ताओं के पास बढ़कर बिल मिले हैं।
इसलिए बिगड़ा पूरा सिस्टम जानकरों के अनुसार बिजली कंपनी द्वारा जल्द बाजी में पेपर लैस बिल की नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया। बिजली कंपनी के पास सभी उपभोक्ताओं के नंबर भी दर्ज नहीं थे। जो नंबर थे उसमें से कई बंद हो गए तो कुछ बदल गए। 1 जून से अचानक नई व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया।
नई व्यवस्था को लागू करने के पहले उपभोक्तओं से पूछताछ कर लेनी चाहिए थी न कि सीधे उपभोक्ताओं पर व्यवस्था को लादा जाए। -शंकर नाग्देव, मानसेवी मंत्री महाकोशल चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री
हम माल या स्टोर में कोई समान लेने जाते हैं तो 50 रुपए की भी रसीद जनरेट कर मिलती है। लेकिन बिजली बिल हजारों में हो तो कोई रसीद तक की व्यवस्था नहीं है।
-डॉ.सोनल खरे, कटंगा बिजली का बिल लगातार बढ़कर आ रहा है। बिल की रीडिंग कब होनी चाहिए इस बारे में कोई भी व्यवस्था नहीं है। इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। -हरीश मोहंती, लालमाटी
-इस बार गर्मी का असर ज्यादा समय तक बने रहने से खपत भी बढ़ी है। जिसके कारण बिल में अंतर है। रीडिंग समय पर हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। उपभोक्ता वर्तमान और पूर्व की खपत का खुद वाचन करे।
-सुनील त्रिवेदी, अधीक्षण यंत्री