लोकगीत और संगीत की समूह द्वारा अब तक देशभर में 100 से अधिक प्रस्तुतियां दी जा चुकी है। प्रस्तुति के दौरान छात्राओं का उत्साह देखते ही बनता है, हर प्रस्तुति में उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है।
– डॉ. शिप्रा सुल्लेरे
समूह में दो दिव्यांग छात्राओं को भी जगह
डॉ. शिप्रा सुल्लेरे ने बताया कि बैंड से 15 से 28 वर्ष तक की लड़कियां हैं, जो गायन और वादन करती हैं। बैंड का गठन साल 2020 में कोरोना के दौरान किया गया था। ग्रुप के सभी सदस्य थिएटर या कला से जुड़े हैं। समूह नाटॺ लोक संस्था के अंतर्गत है। इसलिए इस ग्रुप का नाम संस्था के निदेशक दविंदर सिंह ग्रोवर के सुझाव पर सीता माता के नाम पर यानी जानकी रखा गया। ग्रुप में दो दिव्यांग छात्राएं भी हैं, जो गायन करती हैं। लोकगायन में अब तक पारम्परिक वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल ही किया जाता था, लेकिन समूह में फ्यूजन संगीत के जरिए नवाचार किया जाता है।