मलबा पूरा, फिर थिगड़ा लगाया
सड़कों के गड्ढे भरने पहले निगम ने ईंट चूरा, मलबा और मिट्टी का इस्तेमाल किया। फिर सड़कों में हार्ड डस्ट, गिट्टी व डामर डालकर कामचलाऊ थिगड़ा लगाया गया। बरसात थम गई पर अभी भी सड़कों पर ठीक ढंग से डामरीकरण व कारपेटिंग का काम शुरू नहीं किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के वैज्ञानिक के वल विजय नगर कार्यालय से रेस्पाइरेबल डस्ट सेंपलर के जरिए शहरभर में वायु प्रदूषण के आकलन की खानापूर्ति कर रहे हैं। महज एक स्पॉट की सैम्पलिंग के आधार पर पीएम 10 की गणना को जानकार अव्यवहारिक मानते हैं।
हवा में धूल की मौजूदगी को ऐसे समझें
एक्यूआई (पीएम 10 की मौजूदगी के अनुसार)
इंडेक्स, के टेगरी-
-401-500, सेव,
-301-400, वेरी पुअर,
-201-300, पुअर,
-101-200, मध्यम,
-51-100, संतोषजनक,
-0-50, अच्छा,
वायुमंडल में पीएम 10 की स्थिति
-100.67 जनवरी से मार्च
-99.3 मार्च से मई
-77.7 अक्टूबर में
आशीष कुमार, आयुक्त, नगर निगम वातावरण में धूल ज्यादा होने पर एलर्जी, सर्दी-जुकाम व गले में संक्रमण हो सकता है। आंख और त्वचा संबंधी समस्या भी हो सकती है।
डॉ प्रशांत पुणेकर, मेडिसिन विशेषज्ञ, मेडिकल अस्पताल