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जबलपुर

सावधान: कहीं रहवासी क्षेत्रों में न घुस जाएं मगरमच्छ

अभी से सूखने लगे परियट क्षेत्र के तालाब, कम हो रहा पानी, लोगों की भी बढ़ेगी मुसीबत

जबलपुरApr 03, 2018 / 01:18 am

Sanjay Umrey

pond

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जबलपुर. गर्मी के शुरू होते ही परियट क्षेत्र स्थित चार तालाबों के मगरमच्छों की जान पर बन आई है। इन तालाबों का पानी लगातार कम होता जा रहा है। इसकी वजह से मगरमच्छों के नदी-नालों और रहवासी इलाकों में घुसने की आशंका बन गई है। इससे लोगों की भीमुसीबत बढ़ेगी। परियट जलाशय समेत इसके आसपास के तालाबों में पानी काफी कम हो गया है और 68 एकड़ के खमरिया तालाब में तो पानी नहीं के बराबर है। स्थानीय निवासियों का कहना है, तालाबों की ऐसी स्थिति से रहवासी क्षेत्रों में मगरमच्छों के आने का डर बन गया है। इस तालाब से कोई आधा किलोमीटर दूर परियट नदी है और इनके बीच दो बरसाती नाले भी आते हैं। बीते साल बंधी तालाब के पास मगरमच्छ ने बकरी का शिकार कर लिया था। यही हालात तिलगवां तालाब के हैं। वन्य प्राणी विशेषज्ञ शंकरेंदु नाथ के अनुसार परियट से झुरझुरू गांव तक १३ किमी नदी में मगरमच्छों की संख्या अच्छी-खासी है।

अब तक नहीं बना क्रोकोडायल पार्क
वर्ष २००९ में वन विभाग ने क्रोकोडायल पार्क बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया। वर्ष २०११-१२ में ५४ लाख रुपए के कार्य हुए। फिर बजट नहीं आया और प्रोजेक्ट अधर में रह गया। इस प्रोजेक्ट में स्टॉप डैम बनाना था ताकि मगरमच्छों के लिए पानी की कमी न हो।

यहां ज्यादा खतरा
सोनपुर, घाना, मटामर, बिन्नेर और झुरझुरु ग्राम के दर्जनों घर नदी तट पर हैं। ऐसे में यहां मगरमच्छों के प्रवेश से इंकार नहीं किया जा सकता है।

पहले देखे जा चुके हैं
बीते साल बिन्नरे के सरपंच के घर में चार फीट का मगरमच्छ घुस गया था। नेतराम बर्मन ने बताया, वहीं मगरमच्छ के दर्जनभर बच्चे भी मिले थे। तिलगवां में एक मगरमच्छ कुएं में जा गिरा था।

जल्द करेंगे मुआयना
परियट नदी और आसपास के जलस्रोतों का मुआयना कराएंगे, जहां आवश्यकता होगी, वहां कार्य किया जाएगा। क्रोकोडायल पार्क के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे।
एसकेएस तिवारी, डीएफओ

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