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जबलपुर

इलाज की दुकानें तो यहां खूब हैं, लेकिन बड़ी बीमारियां ठीक कराने के लिए जाना पड़ता है दूसरे शहर

जबलपुर में घोषणाएं खूब हुईं, इन्हें जमीन पर लाने के सपने रह गए अधूरे
 

जबलपुरJul 11, 2020 / 08:03 pm

shyam bihari

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ये बड़ी घोषणाएं अधूरी
– जिला अस्पताल में 2 सौ बिस्तर का अस्पताल
– स्टेट कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट
-माढ़ोताल में 30 बिस्तर का सिविल अस्पताल

जबलपुर। मेडिकल हब के रूप में विकसित करने के लिए जबलपुर में सपने तो खूब दिखाए गए। घोषणाएं भी खूब हुईं, लेकिन इन्हें जमीन पर लाने के के सपने अधूरे रह गए। जिला अस्पताल को अपग्रेड कर दो सौ बिस्तर बढ़ाने का मामला हो या कैंसर मरीजों की राहत के लिए स्टेट कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट की सौगात अधर में लटक गई है। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज की सुविधाओं व विशेषज्ञ बढ़ाने के लिए तीन नए कोर्स स्वीकृत हैं, लेकिन इन्हें शुरू करने संसाधनों की कमी है। माढ़ोताल में 30 बिस्तर के सिविल अस्पताल की घोषणा हुई। इस अस्पताल का कार्य भी अधूरा है। सुविधाएं नहीं बढऩे से मरीजों को इलाज के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग की ऐसी कई घोषणाएं हैं जो अधूरी हैं। ये योजनाएं यदि समय पर पूरी हो जाएं तो इससे मरीजों को राहत मिल सकती है लेकिन ससंाधनों की कमी के कारण ये सुविधाएं शुरू नहीं हो सकीं।
दो सौ नए बिस्तर का भवन नहीं बना
विक्टोरिया जिला अस्पताल को वर्ष 2008 में पांच सौ बिस्तर के अस्पताल के रूप में अपगे्रड करने की घोषणा हुई थी। नए सेटअप के अनुरूप डॉक्टर्स के पद भी स्वीकृत हो गए। उस समय नए अस्पताल की लागत 8 करोड़ थी। 2012 में फिर से प्रस्ताव जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में रखा गया। वर्ष 2019 के बजट में जिला अस्पताल में दो सौ बिस्तर के लिए प्रावधान किया गया था। जिला अस्पताल में अभी वार्डो में फ्लोर बेड लगाए जा रहे हैं।
स्टेट कैंसर रिसर्च इंस्ट्टीयूट
मेडिकल कॉलेज के कैंसर अस्पताल में 120 करोड़ रुपए की लागत से स्टेट कैंसर रिसर्च इंट्टीयूट स्वीकृत हैं। इस इंस्टीट्यूट का भवन दो साल से तैयार हैं परंतु इसे शुरू नहीं किया जा सका। कैंसर के मरीजों को सुविधाओं के आभाव में भोपाल व नागपुर जाना पड़ रहा है। माढ़ोताल में एक करोड़ रुपए की लागत से 30 बिस्तर का भवन तैयार हुआ। इस सिविल अस्पताल से माढ़ोताल सहित आसपास के 100 से ज्यादा गांव और यहां के 15 से ज्यादा वार्ड के रहवासियों को फायदा होता। लेकिन अस्पताल शुरू नहीं किया जा सका।
नए कोर्स अटके
नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में केन्द्रीय स्वास्थ मंत्रालय ने वर्ष 2011 में नए कोर्स स्वीकृत किए थे। जिनमें मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, आईसीयू व ट्रामा के मरीजों के लिए इमरजेंसी मेडिसिन, बजुर्गों के लिए जेरियाट्रिक मेडिसिन का कोर्स स्वीकृत है लेकिन अभी तक इस कोर्स को स्वीकृती नहीं मिली है।

विक्टोरिया जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. सीबी अरोरा ने बताया कि जिला अस्पताल में दो सौ नए बिस्तर का अस्पताल शुरू करने सम्बंधी प्रक्रिया शासन स्तर पर की जा रही है। यहां आईसीयू की क्षमता दोगुनी की जा रही है। विधायक विनय सक्सेना का कहना है कि कांग्रेस सरकार के बजट में विक्टोरिया जिला अस्पताल में दो सौ बिस्तर के अस्पताल के लिए बजट में प्रावधान हो चुका है। मनमोहन नगर अस्पताल का निर्माण पूरा हो गया है। इसे शीघ्र पूरा किया जाएगा। विधायक अशोक रोहाणी का कहना है कि जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हैं। मेडिकल कॉलेज में नए कोर्स शुरू करने व स्टेट कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट शुरू करने का मुद्दा विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से लाया जाएगा।

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