38 से 40 किमी की दूरी तक दुश्मन को निशाना बनाने वाली धनुष तोप को सेना के सुपुर्द किया जाना है। फिर सेना इसका इस्तेमाल देश की सुरक्षा में कर सकेगी। माना जा रहा है कि पहले दौर में पांच तोप सेना को दी जाएंगी। इतनी तोप का आईनोट डीजीक्यूए ने दे दिया है। वैसे एक साथ छह तोप दी जानी है। अगर आठ अप्रैल तक आखिरी तोप भी तैयार हो गई तो आधा दर्जन तोपें सेना को मिली जाएंगी। इस तोप के मिलने से सेना का तोपखाना और मजबूत हो जाएगा।
अचानक टला था कार्यक्रम
लंबे परीक्षण के दौर से गुजर चुकी धनुष तोप की सुपुर्दगी का कार्यक्रम 26 मार्च के लिए तय हुआ था। इसमें आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के चेयरमैन सौरभ कुमार जबलपर पहुंच गए थे। लेकिन सेना की आर्टिलरी विंग के एडीशनल डायरेक्टर नहीं पहुंचे थे। बताया जाता है कि इस कार्यक्रम में थल सेना अध्यक्ष के आने की खबर थी। लेकिन किन्हीं कारणों से सभी का दौरा टला। इससे सुपुर्दगी कार्यक्रम भी टाल दिया गया।
धनुष तोप की सेना को सुपुर्दगी आठ अप्रैल को होनी है। पहले यह कार्यक्रम 26 मार्च को तय किया था। किन्हीं कारणों से इसे स्थगित किया था। समारोह में आर्टिलरी के डायरेक्टर जनरल जीसीएफ आएंगे। थलसेना अध्यक्ष के आने की संभावना थी लेकिन उस दिन सेना की कमांडर कान्फ्रेंस हैं। इसलिए दौरा निश्चित नहीं है।
प्रशांत प्रसन्ना, जनसंपर्क अधिकारी जीसीएफ