Big News इलेक्ट्रिक के साथ इस रेलवे के पास हैं डीजल इंजनों का भी बड़ा काफिला
लोकोमेटिव इंजन भी हुआ बेडे में शामिल
जबलपुर . पश्चिम मध्य रेलवे के बेडे में हाल ही में एक नया लोकोमेटिव इंजन शामिल हुआ है। यह 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। अब ऐसे इंजनों को बेडे में शामिल किया जा रहा है जो बिजली से चलते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में पमरे में दस प्रतिशत ही डीजल इंजन बचेंगे। कटनी स्थित डीजल शेड में इलेक्ट्रिक इंजनों का मैंटेनेंस की ट्रेनिंग दी जाने लगी है।
पश्चिम मध्य रेलवे
कहां कितने इंजन
कटनी-451
इटारसी-370
तुगलकाबाद-215
पमरे के पांच लोको शेड
पश्चिम मध्य रेलवे के पांच लोको शेड हैं। इनमें से कटनी और इटारसी में एक-एक डीजल और एक-एक इलेक्ट्रिक लोको शेड हैं। तुगलकाबाद में केवल इलेक्ट्रिक लोको शेड है। जहां इंजनों का मैंटनेंस किया जाता है।
जल्द बंद होंगे 62 और इंजन
कटनी स्थित एनकेजे इलेक्ट्रिक शेड में वर्तमान में 179 इलेक्ट्रिक लोको हैं। वहीं एनकेजे के ही डीजल शेड में कुछ समय पूर्व 111 इलेक्ट्रिक लोको पहुंचाए गए हैं। जिसकी ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा इसी शेड में 99 नए व 62 पुराने डीजल इंजन हैं। पुराने हो चुके 62 लोको को जल्द बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा इटारसी में 149 इलेक्ट्रिक व 221 डीजल इंजन हैं।
दस प्रतिशत बचेंगे डीजल इंजन
कुछ समय पूर्व रेलवे के आला अधिकारियों ने डीजल इंजनों को बंद कर नए और इलेक्ट्रिक इंजन के संचालन पर जोर दिया था। जिसके बाद यह काम तेजी से शुरू हुआ। आने वाले कुछ समय में पमरे के पास केवल दस प्रतिशत ही डीजल इंजन रहेंगे।
नए इंजन की रफ्तार 120 प्रतिघंटा
पमरे के बेडे में हाल ही में शामिल हुआ वीएजी 12 बी लोकोमोटिव इंजन 19 जून को जबलपुर लाया गया था। इसे मधेपुरा में बनाया गया है। वर्तमान समय में इस प्रकार के लोको इंजन की मरम्मत का कार्य सहारनपुर में किया जा रहा है। यह लोको इंजन 12000 हार्स पावर का है, जिसका वजन 180 टन है। इस लोको इंजन की सीरीज 60020 से प्रारंभ होती है। लोको की बोगी बो-बो प्रकार की है। लोको इंजन की लंबाई 35 मीटर है। लोको इंजन की अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रतिघंटा है जिसे 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाया जा सकता है।
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