इसलिए नाराज
प्रदेश भर में आशा-ऊषा कार्यकर्ता लंबे समय से आंदोलनरत है। ये महिलाएं राज्य सरकार के कर्मचारी के दर्जे की मांग कर रहे है। साथ ही महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को नियमित किए जाने के लिए लामबंद है। इस मांग को लेकर महिलाएं लगातार आंदोलन और धरना-प्रदर्शन कर रही है। कई बार मांगपत्र सौंपने के बावजूद नियमितिकरण की कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से यह महिलाएं सरकार से नाराज है।
सीएम, पीएम तक बात
चौपाल में महिला कार्यकर्ताओं की समस्या पर संगठन के पदाधिकारियों ने शिकायतों के जल्द निराकरण के लिए आंदोलन तेज करने की बात कही है। चौपाल में तय किया गया कि राज्य सरकार ने यदि जल्द ही उन्हें नियमित करने का आदेश जारी नहीं किया तो वे अगले विस चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं करेंगे। बुधवार को जिले के बहोरीबंद क्षेत्र में प्रदर्शन का निर्णय किया। इसके बाद महिलाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम भी मांग पत्र सौंपेंगे।
लगातार बढ़ रहे आंदोलन
प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आने के साथ ही कर्मचारी संगठनों के आंदोलन तेज हो गए है। शिक्षा, सहकारी, स्वास्थ्य सहित कई विभागों के कर्मचारी संगठन अलग-अलग जिला मुख्यालयों पर अनिश्चितकालीन धरने पर है। कुछ अन्य विभागों के कर्मचारी संघ भी लंबित मांगों की पूर्ति को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए हड़ताल की योजना बना रहे है। इसमें ज्यादातर संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है। जो नियमितिकरण के लिए आंदोलन की राह पर है।