scriptपढ़े कैसे लालच में अंधे ताऊ ने दस वर्षीय भतीजे का कत्ल कर डाला | uncle killed a ten-year-old nephew in greed | Patrika News
जबलपुर

पढ़े कैसे लालच में अंधे ताऊ ने दस वर्षीय भतीजे का कत्ल कर डाला

अब तक बादल का टी-शर्ट नहीं हो सका जब्त, रिमांड पर लिए गए आरोपियों से पूछताछ जारी, संदेही चक्की वाले के घर भी बादल का शव रखने का आरोपियों ने किया था प्रयास

जबलपुरApr 19, 2019 / 11:15 pm

santosh singh

Murder

Murder

जबलपुर. ये रिश्तों के कत्ल की कहानी है। यहां 10 वर्षीय मासूम की हत्या की साजिश उसके ही सगे ताऊ ने रची थी। लालच में अंधे हो चुके इस ताऊ दो अन्य लोगों के साथ मिलकर बड़ी ही बेरहमी से भर्ती का कत्ल कर डाला। दो दिन की रिमांड पर लिए गए चरगवां के सगड़ा निवासी उत्तम गिरी के 10 वर्षीय बेटे बादल को अगवा कर मौत के घाट उतारने वाले आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी 10 अप्रैल की रात में बादल की लाश संदेही चक्की वाले के घर के पास छिपाने ले गए थे, लेकिन परिवार की एक महिला के जाग जाने से वे कामयाब नहीं हो सके। आरोपी उत्तम से उसके बेटे के एवज में 30 लाख फिरौती वसूलने के प्रयास में थे। पुलिस अब तक बादल का टी-शर्ट-कैफरीन बरामद नहीं कर पायी है।
ताले ने खोली हत्या की गुत्थी
चरगवां पुलिस ने मामले में बादल के ताऊ अनिल उर्फ अन्नू गोस्वामी, मुकेश श्रीपाल और मोहनलाल उर्फ गुड्डू तिवारी को गिरफ्तार किया है। पुलिस को रामजी श्रीपाल के सूने घर में दरवाजे में लगाए गए ताले में लगे पेंट ने सफलता दिलायी थी। रामजी श्रीपाल से पूछताछ के बाद अन्नू और मोहनलाल तक पुलिस पहुंची थी।
30 लाख कर्ज में हैं तीनों
पूछताछ में पता चला कि तीनों नरसिंहपुर में दस-दस लाख रुपए जुआ में हार चुके हैं। वसूली को लेकर उन पर दबाव था। इसी के बाद तीनों ने बादल के अपहरण की साजिश रची। अन्नू सहित उसका परिवार उत्तम के साथ ही रहता है। अन्नू की तीन बेटियां और एक बेटा है। मोहनलाल ने अन्नू को लालच दिया था कि बादल की हत्या के बाद उत्तम की जायदाद भी उसकी हो जाएगी।
खुद की जमीन बेचने के लिए ढूंढ़ रहा था ग्राहक
अन्नू कर्ज लौटाने के लिए खुद की जमीन भी बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहा था। जब कोई नहीं मिला तो फिर भतीजे की हत्या की साजिश रची।
बोरे में पत्थर भी भरे थे
मोहनलाल ने अप्रैल 2008 में बिजौरी निवासी अज्जू उर्फ भूरा लोधी का अपहरण कर लाश पत्थर की खदान में रखकर जला दी थी। उसके कपड़े घुघरा नाले में फेंके थे। कपड़ों की बरामदगी न होने की वजह से ही हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गयी है। चरगवां पुलिस अब इस प्रकरण में भी उसकी जमानत खारिज कराने की कवायद में जुट गयी है। इसी हत्या की तर्ज पर उसने बादल को ठिकाने लगाने की साजिश रची थी। एएसपी रायसिंह नरवरिया ने बताया कि तीनों आरोपियों ने बादल के कपड़े नर्मदा में फेंकना बताया है
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