जबलपुर

बड़ी खबर: इकलौता बचा खास प्रजाति का ये पेड़, पत्ती तोडऩे पर छ: महीने की जेल

नर्सरी में नई पौध उगाई, जबलपुर ने बचाई पीले सेमल की प्रजाति

जबलपुरApr 02, 2018 / 04:29 pm

Lalit kostha

unique tree one and only in india

जबलपुर. शहर के वैज्ञानिकों ने इकलौते पीले सेमल की प्रजाति बचा ली। राज्य वन अनुसंधान संस्थान की जैव विविधता नर्सरी में पीले सेमल के पौधे उगाए जा रहे हैं। इस प्रजाति को बचाना जैव विविधता के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दो साल पहले रेलवे स्टेशन ग्वारीघाट के पास पीले सेमल का इकलौता पेड़ था। उसके ऊपर से बिजली का तार गया था। तार बांधने में दिक्कत हुई, तो एमपीएसईबी के ठेकेदारों ने पेड़ काट दिया। इस सम्बंध में राज्य वन अनुसंधान संस्था के सीनियर रेंज रिसर्च ऑफिसर डॉ. उदय होमकर ने बताया कि उन्होंने पेड़ से ग्राफ्टिंग कर नर्सरी में पौधे उगा लिए। फरवरी में दो पौधों में पीले सेमल का फूल खिला और प्रयोग सफल साबित हुआ।

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महाराष्ट्र में नहीं बचा सफेद सेमल फूल
पर्यावरण के जानकार प्रयुत मंडल ने बताया कि महाराष्ट्र के करनाल सेंचुरी के पास चिंचवान गांव में सफेद सेमल का पेड़ था। महाराष्ट्र एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन फॉर दी साइंस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट महाराष्ट्र ने स्टोरी में पेड़ की खासियत भी लिखी, लेकिन इकलौता पेड़ सूख गया और उसकी प्रजाति नहीं बचाई जा सकी।

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ग्वारीघाट में खास है पेड़
ग्वारीघाट में जिस पेड़ को बिजली के ठेकेदारों ने काटा था, उसमें फिर से कोपलें उग आईं। वैज्ञानिकों की जानकारी देने बाद नगर निगम का उद्यान विभाग आगे आया और पेड़ की फेंसिग की गई है। बोर्ड लगा है कि पेड़ काटने पर सजा दी जाएगी। नगर निगम के उद्यान अधिकारी आदित्य शुक्ला ने बताया कि पेड़ या उसकी डालियां काटने वालों के खिलाफ छह माह की सजा की चेतावनी दी गई है।

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