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जबलपुर

डेबिट कार्ड डेटा लीक होने के बाद अब आ रहे ऐसे फेक कॉल्स, बचने अपनाएं ये 7 तरीके

एटीएम डेबिट कार्डस को लेकर डेटा लीक की खबर के बाद फेक कॉल्स की संख्या बढ़ गई है। 

जबलपुरNov 04, 2016 / 03:22 pm

Abha Sen

ATM Fraud

ATM Fraud

जबलपुर। एटीएम डेबिट कार्डस को लेकर डेटा लीक होने के मामले के बाद फेक कॉल्स की संख्या बढ़ गई है। अब नए तरीके से उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने की तरकीब कहीं चल रही है तो कहीं फेक कॉल्स पकड़े जा रहे हैं। इस तरह के फेक कॉल्स में सिर्फ बॉयस ही नही गल्र्स की आवाज भी शामिल होती है। ऐसे कॉल्स की संख्या हर दिन बढ़ रही है। ऐसे में हम आपको यहां ऐसी घटना से बचने के लिए कुछ आसान तरीके बताने जा रहे हैं-

आ रहे हैं ऐसे कॉल 
एसबीआई बैंक का नाम लेकर एक लड़की आपको फोन करती है। वह आपको वेरीफिकेशन, नई स्किम या इंफॉर्मेशन के बारे में बताकर कार्ड चेंज करने की बात कहेगी। कार्ड का नंबर वैरेफाई करने के बहाने वह आपसे किसी से भी पिन या पासवर्ड शेयर ना करने के लिए भी कहेगी। कॉन्फिडेंशियल होने की बात कहकर वह आपको एटीएम कार्ड के कुछ नंबर बताएगी और बांकी नंबर आपसे पूछेगी (ये नंबर बताते ही आपकी प्राइवेट जानकारी लीक हो जाएगी।) 



ऐसे बचें 
1. किसी का भी फोन आने पर उसके बारे में जानकारी प्राप्त करें। जैसे कौन-सी ब्रांच से है और किस लिए जानकारी मांग रहे हैं। 

2. अपना पिन नंबर, पासवर्ड किसी से भी शेयर ना करें। 

3. कोई भी नई स्किम आने पर उसके बारे में पहले बैंक की संबंधित ब्रांच से संपर्क करें उसके बाद आगे बढ़ें। 

4. ओटीपी मैसेज करने में भी सावधानी बरतें। ये आपका पासवर्ड भी लीक कर सकता है। 

5. अगर आपने अपने बैंक के अलावा किसी और बैंक का एटीएम इस्तेमाल किया है तो अपना पिन बदल लें और यदि आपके बैंक से पिन बदलने का मैसेज आया है तो भी इस पर तुरंत अमल करें।

6. आरबीआई का यह नियम है कि बैंक के सिस्टम की कमी के चलते हुई पैसों की चोरी पर बैंक को ग्राहक को उसका पैसा लौटाना होगा। ऐसे में किसी भी परिवर्तन का अंदेशा होने पर तुरंत बैंक से संपर्क करें। 

7. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आपको किसी भी एटीएम मशीन की स्क्रीन पर सर्वर एरर, सर्वर नॉट कनेक्टेड या पिन दोबारा एंटर करने के लिए कहा जाता है तो उस एटीएम मशीन को बिल्कुल इस्तेमाल न करें और संबंधित बैंक को इसकी सूचना दें।

क्या था मामला 
एसबीआई की तरफ से उसके छह लाख खाताधारकों के एटीएम कार्ड ब्लॉक किए जाने के बाद करीब 32 लाख एटीएम कार्ड धारकों की जानकारी लीक होने की खबर सामने आई थी। जानकारी में सामने आया था कि मालवेयर वायरस के कारण व्हाइट लेवल एटीएम के जरिए डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारियां चुराई गई थीं, जिसके बाद देश के वित्तीय तंत्र में सबसे बड़ी सेंधमारी करने की कोशिश की गई। इस घटना के बाद वित्त मंत्रालय और आरबीआई दोनों हरकत में आ गए थे और उन्होंने बैंकों से इस घटना के संबंध में पूरी रिपोर्ट मंगवाई थी।
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