कॉलेज में ढूंढते थे बहाना
स्वप्ना ने बताया कि साथ-साथ पढ़ाई की, लेकिन जब कॉलेज पहुंचे तो अलग कॉलेज में दाखिला लिया। इस वजह से मिलना-जुलना कम होता था, लेकिन वह एक-दूसरे से मिलने का बहाना खोज ही लेते थे। दोनों अपनी-अपनी पढ़ाई में बिजी हो गए, लेकिन उन्होंने प्यार का दामन नहीं छोड़ा। साथ जीने-मरने की कसमें खाई।
घरवाले नहीं थे राजी
स्वप्ना ने बताया कि जब घरवालों को बताने की बारी आई तो वह घड़ी बहुत मुश्किल रही। इंटर कास्ट होने की वजह से स्वप्ना के घर वाले इस रिश्ते के लिए राजी नहीं थे। उस वक्त तक स्वप्ना एमबीए करने के लिए किसी दूसरे शहर जा चुकी थीं। गजेंद्र उनसे मिलने के लिए भोपाल पहुंचने लगे। घरवालों की मर्जी के बगैर दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया।
कई बार रचाई शादी
घर में बताए बिना ही दोनों ने आर्य समाज में 2004 में शादी कर ली। कुछ दिनों बाद कोर्ट मैरिज भी की, ताकि घर वाले इस रिश्ते को नकार न सकें। जब घर वाले पूरी तरह रिश्ते के लिए मान गए, तब दोनों ने पूरे रीति-रिवाजों के साथ एक बार फिर शादी की। स्वप्ना बताती हैं कि वह एेसे कपल हैं, जिन्होंने एक नहीं तीन-तीन बार शादी रचाई है।
न्यू ईयर पर किया था प्रपोज
स्वप्ना ने बताया कि उनके हसबैंड गजेंद्र ने उन्हें न्यू ईयर पर ग्रीटिंग कार्ड देकर प्रपोज किया था। ग्रीटिंग कार्ड में उन्होंने अपने दिल की बात लिखी थी। जब उन्होंने यह कार्ड पढ़ा तो स्वप्ना को भी लगा कि वे दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं। तकरीबन चार महीने बाद सपना ने प्रपोजल एक्सेप्ट किया।