ब्लॉक के मवेशियों के इलाज के लिए प्रदेश शासन के पशु चिकित्सा विभाग की ओ रसे सिहोरा, मझगवां और हृदयनगर में पशु चिकित्सालय खोले हैं। कृत्रिम गर्भाधान केंद्र केवल सिहोरा में है। इसके 14 उपकेंद्र सिहोरा, मझौली तहसील के दूरदराज गांवों में स्थित हैं। कृत्रिम गर्भाधान के सिहोरा ब्लॉक में घाटसिमरिया, कछपुरा, फनवानी, सरौली, अगरिया, सिलुआ, गांधीग्राम, हरगढ़, मोहसाम, धरमपुरा और मझौली ब्लॉक के बरगी (बडख़ेरा), लखनपुर, पोंड़ा, लमकना में उपकेंद्र हैं। उपकेंद्रों में मवेशियों के इलाज के लिए एवीएफओ और एक परिचायक का पद स्वीकृत है, लेकिन घाटसिमरिया, कछपुरा, अगरिया और पोंड़ा में दोनों पद रिक्त हैं। इससे यहां हर सतम ताला लगा रहता है।
अनुभाग मुख्यालय स्थित चिकित्सालय भी बदहाल
अनुविभाग मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय और कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की हालत सबसे खराब है। यहां चिकित्सक एबीएफओ, कम्पाउंडर, ड्रेसर, कार्यालय सहायक और चौकीदार के एक-एक पद स्वीकृत हैं। अस्पताल में चिकित्सक, एवीएफओ पदस्थ हैं, शेष पद रिक्त पड़े हैं। क्षेत्रीय लोगों ने बताया, चिकित्सक और एवीएफओ सप्ताह में एक दिन ही आते हैं। अन्य दिनों में अस्पताल में सेवानिवृत्त कर्मचारी काम करता है। ऐसी ही स्थिति कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की है। यहां प्रभारी चिकित्सक का एक, एबीएफओ के दो, परिचायक के तीन पद स्वीकृत हैं। प्रभारी का पद पशु चिकित्सालय प्रभारी के जिम्मे है। वे कभी केंद्र नहीं आतीं। एवीएफओ सीमा नलवाया जबलपुर से अप-डाउन करती हैं। ऐसे में अस्प्ताल की जिम्मेदारी एक एवीएफओ पर रहती है। मझगवां और हृदय नगर स्थित पशु अस्पताल में चिकित्सक, एवीएफओ के पद रिक्त हैं।
नियमित रूप से सेवा देने के निर्देश देंगे
सिहोरा ब्लॉक के पशु अस्पतालों, कृत्रिम गर्भाधान केंद्र में पशु चिकित्सकों एवीएफओ के पदों की कमी से पशु चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हैं। यहां पदस्थ पशु चिकित्सकों को सेवाएं देने के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
एसके गौतम, उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं