कागजों में अभियान- नगर निगम का दावा है कि उनके द्वारा मच्छरों का लार्वा मारने के लिए लगातार दवा का छिड़काव किया जा रहा है। फॉगिंग मशीन चलाई जा रही है। हालांकि कहीं भी अमला दवा का छिड़काव करते नजर नहीं आ रहा है। मलेरिया अधिकारी डॉ. नीता मिश्रा के अनुसार कुछ दिन संख्या और बढ़ सकती है। उसके बाद तापमान जैसे ही 42 डिग्री सेल्सियस पार करेगा मच्छर कम होने लगेंगे। इसके बाद बारिश की शुरुआत में सावधानी बरतना होगा। संक्रमण न फैले इसलिए एहतियातन अभी से लार्वा सर्वे शुरू कर दिया गया है।
मच्छरदानी से बचाव
घर में मच्छर न होने दें। खिड़कियो, दरवाजों पर महीन जाली लगाएं।
लहसुन का ज्यादा प्रयोग करें। इसकी गंध से मच्छर दूर भागते हैं।
मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करें।
शाम के समय फुल स्लीब्स के कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें।
घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें। रुकी नालियों को साफ करें।
– घर के अंदर हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवा का छिडक़ाव करें।
बदलने लगी दिनचर्या
शहर में रविवार को दोपहर में सड़कों पर दो पहिया और पैदल चलने वालों की संख्या कम रही। वहीं प्रमुख बाजारों में भी दोपहर में लोगों की संख्या कम थी। लोग धूप से बचाव कर रहे हैं।
पारे की चाल
अप्रैल – अधिकतम तापमान
21 – 36.3
20 – 37.6
19 – 36.2
18 – 33.6
17 – 30.7