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जबलपुर

वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर खाना-पूर्ति, इस साल भी बारिश का पानी हो जाएगा बेकार

वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के इच्छुक नगर निगम से मायूस होकर लौट जाते हैं

जबलपुरJul 01, 2018 / 03:12 pm

deepankar roy

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जबलपुर । शहर में वर्षा जल सहेजने की बात करने वाले नगर निगम की हालात यह है कि निगम के नक्शा विभाग में न तो कोई एक्सपर्ट है न ही इसे लगाने वाली एजेंसी की जानकारी देने वाला कोई। वॉटर हार्वेस्टिंग के नाम पर एक मात्र फोटो कार्यालय के ऊपर धूल खा रही है। शहर को वर्षा जल बचाने की सीख देने वाला नगर निगम खुद सीख नहीं ले रहा है। ऐसे में वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के इच्छुक नगर निगम से मायूस होकर लौट जाते हैं।
शहर के नक्शा पास करने वाले नगर निगम के इस विभाग में वॉटर हार्वेस्टिंग से जुड़ा हुआ न तो कोई फोल्डर है न ही पम्पलेट जिसे देखकर कोई नागरिक इसे लगाने की योजना बना सके। विभाग की सीटों पर बैठे जिम्मेदारों द्वारा खुद कह दिया जाता है कि कहीं बाहर से सिस्टम लगावा लो।


निगम नहीं तय कर सका एजेंसी

प्राप्त जानकारी के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए नगर निगम द्वारा अभी तक कोई भी एजेंसी तय नहीं की गई है। ऐसे में वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए क्या फीस तय होगी इसका कोई पैमाना नहीं हैं। शहर में करीब में एक दर्जन ऐसी एजेंसियां हैं जो कि इकोसिस्टम से जुड़ी हैं लेकिन इन सभी के अपने-अपने रेट हैं। न ही नगर निगम द्वारा किसी एजेंसी को अधिकृत किया गया है। वर्षा जल बचाने के लिए 2008 में योजना तैयार की गई। इस दौरान निगम के अमले ने नए बड़े नक्शों में इसे अनिवार्य कर दिया।


तीन साल के भीतर वापस किया जा सकता है
सूत्रों के अनुसार वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए जो राशि जमा कराई जाती है उसे तीन साल के भीतर ही वापस किया जा सकता है। भवन स्वामी इस दौरान घरे में सिस्टम लगाने के बाद प्रमाणपत्र दिए जाने पर यह राशि लौटा दी जाती है। इस मामले में सिर्फ 69 लोगों को 6 लाख रुपए की राशि वापस की गई है।


सीधे भूजल भंडार में
इस विधि में वर्षा जल को गड्ढे के माध्यम से सीधे भूजल भंडार में जमीन के अंदर उतार दिया जाता है। इससे पानी नाले नालियों में व्यर्थ नहीं बहता है।


खाई बनाकर रिचार्जिंग
इस तकनीक में बड़े संस्थानों के परिसरों में बाउंड्रीवॉल के साथ-साथ बड़ी नालियां बनाकर पानी को जमीन के भीतर उतारा जाता है। यह पानी जमीन में नीचे चला जाता है और भूजल स्तर में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।


कुएं में उतारें छतों का पानी
इसमें वर्षा जल को छत से पाइपों के माध्यम से आसपास के किसी कुएं में उतारा जा सकता है। इससे पानी कुएं में पहुंचता है। इस ढंग से न केवल कुआं रिचार्ज होता है बल्कि कुएं से पानी जमीन के अंदर चला जाता है।


इस तरह सहेंजे पानी
हैंडपंप कुओं,जलस्त्रोतों के पास सोख्ता बनाएं
ड्रिप इरीगेशन सिस्टम का सिंचाई में उपयोग करें
घरों में नलों के लीकेज बंद कराएं
कपड़े धोने, पीने के लिए जरूरत के हिसाब से पानी उपयोग करें

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