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जबलपुर

चुनाव के ऐन पहले आरक्षण को लेकर क्या कह गए कांग्रेस के ये बड़े नेता…

हैरान कर देने वाला है इनका टवीट
 
 
ओबीसी रिजर्वेशन का एजुकेशन से कोई सरोकार नहीं
हाईकोर्ट में सरकार रखेगी अपना पक्ष

जबलपुरMar 20, 2019 / 09:02 pm

virendra rajak

हैरान कर देने वाला है इनका टवीट

हैरान कर देने वाला है इनका टवीट

जबलपुर। राज्यसभा सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने ट्रवीट कर साफ कर दिया है कि राज्य सरकार ने ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण नौकरियों में दिया है। इसका शिक्षा के क्षेत्र से कोई सरोकार नहीं है। इससे एक बात और साफ हो गई है कि राज्य सरकार इस मामले में हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
कोर्ट को बताएंगे अध्यादेश की आवश्यकता..

राज्य के अतिरिक्त महाधिक्ता अजय गुप्ता ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट को साफ कर दिया था कि सरकार को एजुकेशन में 27 फीसदी ओबीसी रिजर्वेशन पर रोक लगाए जाने के परिप्रेक्ष्य में कोई एतराज नहीं है। इसके बाद प्रीपीजी काउंसिलिंग में 27 फीसदी ओबीसी रिजर्वेशन पर अंतरिम रोक लगा दी गई। उन्होंने कहा कि सर्विसेज में 27 फीसदी ओबीसी रिजर्वेशन का अध्योदश लाने की वजह व तार्किक आवश्यकता कोर्ट को बताई जाएगी।
तन्खा का ट्वीट..

मेरे अनुसार मध्यप्रदेश में मेडिकल एजुकेशन में नए आरक्षण का कानून लागू नहीं है। अध्यादेश सर्विसेज के लिए है। एजी ऑफिस को यह जानकारी अपने जवाब के द्वारा अविलंब हाईकोर्ट के समक्ष पेश करना चाहिए। अब जबकि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैए तब कोई नई कार्रवाई संभव नहीं है।

यह है मामला.

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार 19 मार्च को अपने एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश के जरिए राज्य शासन द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग ;ओबीसीद्ध के लिए किए गए 27 फीसदी आरक्षण के प्रावधान पर रोक लगा दी थी। इसी के साथ राज्य सरकार को जोरदार झटका लगा था। दरअसल 8 मार्च 2019 को प्रदेश की मौजूदा कमलनाथ सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 कर दी थी। इस रवैये को मेडिकल प्रीपीजी काउंसिलिंग में शामिल होने जा रही छात्राओं ने कठघरे में रखा था।
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