सोमवार को याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि दरअसल राज्य सरकार के वन विभाग का अमला संसाधनहीन है। तेंदुए को पकडऩे के लिए विभाग के पास समुचित संसाधन नहीं हैं। इसी के चलते इसे नहीं पकड़ा जा सका। इसे वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन विंग को सौंपा जाए। इस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया। अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।