पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी इस आदेश के विरोध का आलम ये है कि विभिन्न सोशल प्लेटफार्म पर पुलिस कर्मियों ने अपना गुस्सा तल्खी के साथ व्यक्त किया है। एक पुलिस कर्मी ने पोस्ट किया है कि ‘फरमान जारी हो चुका है ! डब्ल्यूएचओ कोरोना फैलने की सही जानकारी का पता नहीं कर पाया और पुलिस विभाग ने पता कर लिया कि पुलिस वालों को घर जाने पर कोरोना होता है। माल जमा करने भोपाल, सागर, ग्वालियर या जबलपुर जाने पर कोरोना नहीं होगा। डाक या माल लेकर भोपाल जाओगे तो करोना नहीं होगा। मुलजिम पेश करने जाओगे तो भी कोरोना नहीं होगा। वांरटी को पकडऩे जाओगे तो कोराना नहीं होगा। सिर्फ पुलिस छुट्टी पर जाएगी, तभी कोरोना होगा। ऐसे वैज्ञानिकों की जरूरत नासा में है, उनको नासा भेजा जाना चाहिए।’
रक्षाबंधन पर भी नहीं मिला अवकाश-
जिले में 452 महिला पुलिस कर्मी व अधिकारी हैं। इसमें से अधिकतर ने रक्षाबंधन पर अवकाश का आवेदन लगाया था। इसके चलते उनसें लॉकडाउन विराम में शनिवार व रविवार को ड्यूटी भी कराई गई। अब फरमान सुना दिया गया कि अवकाश पर रोक लग गई है। पुलिस कर्मियों के आक्रोशित होने की एक वजह ये भी है कि पिछले दो वर्षों से उनके अवकाश पर विभिन्न वजहों से रोक लग रही है। पहले विधानसभा 2018 चुनाव, फिर 2019 लोकसभा चुनाव, फिर ट्रिपल तलाक, धारा 370, राम मंदिर मामले की संवैधानिक पीठ में सुनवाई, फिर एनआरसी और अब कोविड संक्रमण के चलते अवकाश पर रोक लगाई जा रही है।
इस आदेश के चलते विरोध शुरू-
पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने एक अगस्त को उक्त आदेश जारी किया। पत्र में कहा गया कि 12 जून को जारी कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि एक अगस्त तक प्रदेश में संक्रमित पुलिस कर्मियों के 255 सक्रिय मामले आ चुके हैं। चार गुना पुलिस अधिकारी-कर्मी क्वारेंटाइन हैं। अवकाश पर आने-जाने के दौरान वे सावधानी नहीं बरत रहे। अवकाश से लौटने पर क्वारेंटाइन भी नहीं हो रहे। इस कारण कोरोना संक्रमण फैल रहा है। इस कारण सभी के अवकाश पर रोक लगाई जा रही है। जोन के आईजी की अनुमति पर ही पारिवारिक और स्वास्थ्य सम्बंधी इमरजेंसी में अवकाश स्वीकृति होगी।
राज्य सभा सांसद ने ये पत्र लिखा-
पुलिस मुख्यालय के इस तुगलकी आदेश को तुरंत वापस लेने का आग्रह राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से किया है। तर्क दिया है कि पुलिस के कई दायित्व हैं। इसके परिपालन में वे जाने-अनजाने लोगों के सम्पर्क में आते हैं। गस्त के दौरान असामाजिक तत्वों को पकडऩा, वाहन चैकिंग अभियान, वांरटी, अपराधिक वारदातों में धरपकड़ के दौरान कोविड का हमेशा खतरा बना रहता है।