जबलपुर. कोरोना काल में चप्पे-चप्पे पर पहरा है। जिलों की सीमाओं पर नाकेबंदी जबरदस्त बताई जा रही है। लेकिन इन सब को धता बताते हुए शराब माफिया अपने गोरखधंधे को अंजाम देने में सफल हो जा रहे हैं। यहां तक कि जिलों की दूरियां भी इनके लिए सिमट सी गई हैं। तभी तो दो-दो जिलों की सीमा पार करने में शराब माफिया को तनिक भी दिक्कत नहीं हुई।
शुक्र है उस मुखबिर का जिसने क्राइम ब्रांच को इसकी जानकारी दी कि एक शराब लदी कार दो जिलों की सीमा पार कर भेंड़ाघाट तक पहुंच गई है। इस सूचना पर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम हरकत में आई और भेड़ाघाट इलाके से शराब लदी बोलेरो जब्त कर ली गई। लेकिन शराब माफिया का तंत्र यहां भी भारी पड़ा, इस पूरी कवायद में एक भी शराब तस्कर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा।
भेड़ाघाट थाना प्रभारी सफीक खान का कहना है कि शराब के अवैध परिवहन की सूचना पर क्राइम ब्रांच व भेड़ाघाट थाने की संयुक्त टीम ने बायपास चौराहा पर घेराबंदी की। इस दौरान पिंडरई मोड़ पर शराब से लदी बोलेरो लावारिस हालत में खड़ी मिली। शराब तस्करों ने बोलेरो में शराब से भरी पेटियों को प्लास्टिक के खाली कैरेट के पीछे छिपा रखा था। कैरेट को बाहर निकाला गया तो अंग्रेजी शराब से भरी 30 पेटियां मिलीं। प्रत्येक पेटी में शराब के 50-50 पाव रखे थे। घटनास्थल पर तस्करों की तलाश की गई लेकिन कोई नहीं बता पाया कि बोलेरो को लावारिस हालत में कौन छोड़कर भागा।
ऐसे में पुलिस ने परिवहन विभाग से संपर्क किया तो पता चला कि बोलेरो का पंजीयन किसी अंशुमान कोरी निवासी कांचघर द्वारका नगर घमापुर के नाम पर है। वाहन नंबर के आधार पर आबकारी एक्ट का प्रकरण दर्ज कर आरोपी की पड़ताल शुरू कर दी गई है।
थाना प्रभारी के अनुसार इस पूरी कार्रवाई में क्राइम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक धनंजय सिंह, विजय शुक्ला, प्रधान आरक्षक बृजेंद्र कसाना, आरक्षक दीपक तिवारी, नितिन मिश्रा, मोहित तथा थाना भेड़ाघाट थाना के सहायक उप निरीक्षक डालसिंह झारिया, प्रधान आरक्षक रविशंकर तिवारी शामिल रहे। शराब तस्करों को पकड़ने की रणनीति तैयार की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम गोपाल खांडेल, सीएसपी बरगी रवि चौहान ने।
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