scriptlock-down:कफ्र्यू में काम-धंधा हुआ बंद, तो पैदल लौटने को मजबूर हुए ये मजदूर | Work stopped in curfew, then workers were forced to return on foot | Patrika News
जबलपुर

lock-down:कफ्र्यू में काम-धंधा हुआ बंद, तो पैदल लौटने को मजबूर हुए ये मजदूर

डिंडौरी निवासी मजदूर जबलपुर से वाहन न मिलने के चलते पैदल ही चल दिए

जबलपुरMar 28, 2020 / 12:29 pm

santosh singh

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जबलपुर। कोरोना को लेकर लॉक-डाउन के चलते शहर में बाहर के जिलों से मजदूरी करने आने वालों की परेशानी बढ़ा दी। आलम ये है कि पूरे शहर में काम-धंधा ठप है। परिवहन के साधन भी उपलब्ध नहीं है। काम नहीं तो मजदूरी भी नहीं, ऐसे में उनके सामने यहीं रहकर भूखे रहने का विकल्प था या फिर पैदल घर लौटने का। मंडला-डिंडौरी निवासी मजदूर बड़ी संख्या में पत्नी-बच्चों के साथ घरेलू सामान की बोरी लेकर पैदल ही लौटने लगे हैं।


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काम बंद होने के बाद न पैसे थे, न वाहन चल रहे
डिंडौरी निवास के रहने वाले सूरज ठाकुर, विनोद यादव, बसंत सिंह धुर्वे, दिगपाल सिंह, मताराम ने बताया कि बिल्डिंग निर्माण से जुड़ा एक ठेकेदार 21 मार्च को उन्हें जबलपुर लाया था। 22 को वे काम किए। 23 से लॉक-डाउन के चलते काम बंद हो गया। ठेकेदार ने भी एक दिन की मजदूरी देकर हाथ खड़े कर दिए। चार दिन वे किसी तरह निकलने के लिए वाहन की आस लगाए हुए थे। जब कोई विकल्प नहीं मिला तो पैदल ही निकलने का निर्णय लिया। इनके साथ उनकी पत्नी और बच्चे भी थे।

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गांव वाले रास्ते में करा रहे भोजन
पिछले दो दिनों से मंडला, डिंडौरी के रहने वाले बड़ी संख्या में मजदूर इसी तरह से लौट रहे हैं। इसमें से कई तो दो दिन से भूखे तक हैं। ऐसे में रास्ते के गांव वाले इनकी मदद को आगे आ रहे हैं। शुक्रवार को धनपुरी के सरपंच अमित शुक्ला, विमल, नाथूराम सेन और सोहन विश्वकर्मा ने इन मजदूरों को भोजन पैकेट देकर कुछ राहत दी।

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