scriptयहां भगवा और लाल रंग में ही सिमट गई हैं बातें | Workers of the defense labor union in VFJ included labor union | Patrika News
जबलपुर

यहां भगवा और लाल रंग में ही सिमट गई हैं बातें

वीएफजे में प्रतिरक्षा मजदूर संघ के कार्यकर्ता मजदूर यूनियन में शामिल

जबलपुरMay 04, 2019 / 09:10 pm

shyam bihari

labor day- media must be ready to new change says Hriday Narayan Dixit

labor day- media must be ready to new change says Hriday Narayan Dixit

जबलपुर। हर साल की तरह इस बार भी मजदूर दिवस (एक मई) अपनी कुछ यादों के साथ गुजर गया। देशभर में मजदूरों को उनकी मौजूदगी का अहसास किया गया। कुछ और लोगों को कराया भी गया। जबलपुर में भी आयुध निर्माणियां हैं। रेलवे का डिवीजन है। यहां मजदूर संगठन अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहते हैं। लेकिन, इस मजदूर दिवस के आइने से देखा जाए, तो तस्वीर बहुत अच्छी नहीं है। मजदूरों के हक की बात करने वाले संगठन ही आपस में उलझ रहे हैं। अच्छा लगा कि वीकल फैक्ट्री मजदूर यूनियन ने मजदूर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में फैक्ट्री के प्रतिभावान खिलाडिय़ों का सम्मान किया। लेकिन, इसी दौरान भगवा झंडे वाली वीएफजे प्रतिरक्षा मजदूर संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने लाल झंडे वाली मजदूर यूनियन की सदस्यता ली। निश्चित रूप से लाल झंडे से जुड़े पदाधिकारियों ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया। उन्हें बताना भी चाहिए। लेकिन, यह भी तय करना होगा कि मजदूर संगठन अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं या मजदूरों के लिए भी कुछ करना चाहते हैं?
आरोप-प्रत्यारोप
बीपीएमएस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं का मजदूर यूनियन में शामिल होना, कई तरह के संकेत दे रहा है। क्योंकि, अभी भी केंद्र में बीपीएमएस की करीबी सरकार है। माना जाता है कि वह अपनी बातें केंद्र सरकार से आसानी से मनवा सकती है। फिर भी उसके कार्यकर्ता दूसरी यूनियन में जा रहे हैं, तो बात अटपटी लगती है। हालांकि, जिन पदाधिकारियों ने दूसरी यूनियन का हाथ थाम है, उनका कहना है कि पहले वाले मजूदर ंसंगठन में उनकी कद्र नहीं की जा रही थी। इस बारे में सम्बंधित संगठन का कहना है कि हमेशा तो खास पदाधिकारियों को ही बरकरार नहीं रखा जा सकता। इसलिए जो लोग नाराज हैं। उन्हें अपनी उपेक्षा की शिकायत फोरम पर करनी चाहिए थी। सम्भव है कि बीच का रास्ता निकाल लिया जाता। लेकिन, कुछ लोग अपनी उपेक्षा का सिर्फ आरोप लगा रहे हैं। उनके पास किसी तरह का तर्क नहीं है।
हितों की रक्षा पर काम
जिस यूनियन में दूसरे संगठन के कार्यकर्ता शामिल हुए, उसके पदाधिकारी गदगद हैं। उनका कहना है कि उनकी यूनियन मजदूरों के हितों की बात करती है। उनकी नीतियां पारदर्शी हैं। इसलिए बाकी लोगों का भरोसा उनपर बढ़ा है। इसलिए लोग शामिल हो रहे हैं। फिलहाल यह भी कहा जा रहा है कि इस यूनियन के भी कुछ कार्यकर्ता दूसरे संगठन से जुडऩे की कवायद में हैं।

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