कॉस्मेटिक डेटिस्ट्री के अंतर्गत एसथेस्टिक डेंडिस्ट्री भी होती है। इसमें कुछ मैटेरियल का इस्तेमाल करके दांतों के बिगड़े हुए शेप को सही किया जाता है। इसके साथ ही टूटे हुए दांतए पीले दांतों को सफेद बनाया जाता है। ब्लीचिंग की सहायता से दांतों को वाइट किया जाता है। कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री का चलन सबसे ज्यादा युवाओं के बीच है।
बच्चों के जब दांत आना शुरू होते हैं तो डायरिया होने लगता है। ऐसे में टॉडलर्स के लिए आने वाले प्लास्टिक के इंस्टूमेंट दिए जाएं। इससे उनके दांत अच्छे आएंगे। दांतों से नाखून काटना, कपड़ा फंसाकर सोना, अंगूठा चूसना, अंगुली चूसना जैसी हैबिट्स से बच्चों को दूर रखें। जब सारे दांत आ जाएं तो उन्हें फ्लोराइड एप्लिकेशन देना चाहिए। दूध के दांत आने के बाद जो गैप होता है, उस दौरान जौ की प्रॉपर ग्रोथ के लिए हरी सब्जियां, मूली, गाजर खिलाएं। व्यस्क फ्लोराइड टूथपेस्ट यूज करें। ब्रश करने का सही तरीका अपनाएं। कोल्ड ड्रिंक, जंक फूड न खाएं। ज्यादा देर तक ब्रश न करें। वर्टिकल ब्रश करें। विटामिन युक्त खाना और हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें।
मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. राजेश धीरावाणी ने बताया कि लोग आजकल स्माइल डिजाइनिंग भी करवा रहे हैं। इसमें डेंटल सर्जरी के जरिए आड़े-तिरछे दांतों को ठीक करके उनकी स्माइल को बेहतर बनाया जा रहा है। इसके लिए शहर में कई तरह के एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीनें और ट्रीटमेंट मुहैया हो चुकी है।