कुछ समय पूर्व कांग्रेस छोडकऱ भाजपा में शामिल हुए शहर के युवा नेता हर्षित सिंघई को युवा कांग्रेस के चुनाव में 12 वोट मिले और उन्हें महासचिव भी चुन लिया गया। जबकि, वर्तमान में वे भाजपा के सदस्य हैं। बताया जाता है कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जब सिंधिया कांग्रेस छोडकऱ भाजपा में शामिल हुए तो सिंघई ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था।
इस पर भाजपा ने चुनाव की प्रक्रिया और पारदर्शिता पर सवाल खड़े दिए है। युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडेय का कहना है कि युवा कांग्रेस के चुनाव में परिवारवाद सामने आया है। उन्होंने कहा कि हर्षित सिंघई जो कि पूर्व में एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष थे, उन्हें उत्तर विधानसभा से महासचिव निर्वाचित कर दिया। उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस को फि र से चुनाव पर विचार करना चाहिए। भाजपा नेता जमा खान ने आरोप लगाए कि कांग्रेस में फ र्जीवाड़े की ही राजनीति होती है।
इस मामले में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश यादव ने कहा कि युवा कांग्रेस के चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं है। भाजपा के पास कुछ नहीं है, इसलिए वह इसे मुद्दा बना रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए नामांकन मोबाइल एप के माध्यम से तीन साल पहले भरे गए थे। इस बीच अलग-अलग कारणों से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। जब नामांकन जमा किए गए थे तो उस एप को भी लॉक कर दिया गया था।
यादव ने कहा कि उसे चुनाव के दिन ओपन किया गया। ऐसे में कुछ प्रत्याशी जो कि दूसरी पार्टियों में चले गए हैं, उनके नाम भी शामिल रह गए। उन्हें अलग किया जाता, तो प्रक्रिया दोबारा से पूरी करनी होती। उन्होंने कहा कि हर्षित सिंघई महासचिव नहीं रहेंगे। उनकी जगह उस प्रत्याशी का चयन किया जाएगा, जिन्हें उनसे कम वोट मिले हैं। यादव ने यह भी कहा कि यदि हर्षित क्षमा पत्र देकर कांग्रेस में वापस आना चाहते हैं, तो उस पर विचार किया जाएगा।