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जगदलपुर

फ्लोरोसिस पीडि़तों का दस साल बाद हो रहा सर्वे उसमें भी फर्जी आंकड़े पेश कर रहे विभाग, जानिए क्या है वजह

विधायक व बस्तर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने स्वास्थ्य विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जिले में फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी जुटाने पत्र जारी कर निर्देश दिए थे।

जगदलपुरFeb 26, 2020 / 01:57 pm

Badal Dewangan

फ्लोरोसिस पीडि़तों का दस साल बाद हो रहा सर्वे उसमें भी फर्जी आंकड़े पेश कर रहे विभाग, जानिए क्या है वजह

फ्लोरोसिस पीडि़तों का दस साल बाद हो रहा सर्वे उसमें भी फर्जी आंकड़े पेश कर रहे विभाग, जानिए क्या है वजह

जगदलपुर. बस्तर में फ्लोराइड की समस्या को लेकर पत्रिका द्वारा लगातार खबर प्रकाशन के बाद शासन-प्रशासन की नींद खुली है। करीब ९ साल बाद स्वास्थ्य अमला गांव, बसाहट और पारा तक पहुंचकर फ्लोरोसिस पीडि़त लोगों की संख्या और स्थिति की जानकारी एकत्र करे। इसमें भी स्वास्थ्य विभाग आधी अधूरी ही जानकारी जुटा पाया है। विधायक व बस्तर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने स्वास्थ्य विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जिले में फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी जुटाने पत्र जारी कर निर्देश दिए थे।

बस्तर में फ्लोरोइड की समस्या को लेकर अब भी लापरवाही बरती जा रही
इसके लिए मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी को पांच दिन का समय दिया गया था, जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने २०-२५ दिनों बाद जानकारी उपलब्ध कराई है। इसमें जानकारी सही नहीं हैं। दरअसल स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में बकावंड ब्लॉक में ४९५ फ्लोरोसिस पीडि़त मिले हैं, जिसमें ४७२ दंत और २३ हड्डी फ्लारोसिस के मरीज हैं। मिली जानकारी के अनुसारा बकावंड ब्लॉक के डिमरापाल गांव में दंत और हड्डी फ्लोरोसिस के ५०० से अधिक मरीज है। इसी प्रकार बस्तर ब्लॉक के फ्लोराइड प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य विभाग को १४७ दंत और २४ हड्डी फ्लोरोसिस के मरीज मिले, जबकि बस्तर ब्लॉक के बाकेल, तुरपुरा और नंदपुरा में ही करीब ४०० से अधिक फ्लोराइड पीडि़त है। इस तरह के आंकड़े से साफ जाहिर होता है कि स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही पूर्वक सर्वे रिपोर्ट तैयार किया है। बस्तर में फ्लोरोइड की समस्या को लेकर अब भी लापरवाही बरती जा रही है।

इस प्रकार सर्वे में बरती गई लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे में जमकर लापरवाही बरती है। गौरतलब है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सूची के तहत बकावंड ब्लॉक में करीब ११ गांव फ्लोराइड प्रभावित है। इसमें स्वास्थ्य विभाग सिर्फ डिमरापाल, जैबेल, छिंदगांव, सतोषा, गारेंगा में ही सर्वे किया है। वहीं बड़ेजिराखाल, चिउरगांव, बागराय, चोकनार, बंगलाडोंगरी और कोलावल गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची ही नहीं है। इसी प्रकार बस्तर ब्लॉक के १४ फ्लोराइड प्रभावित गांवों में से सिर्फ १० गांव का ही सर्वे किया गया है। शेष चार गांव को छोड़ दिया गया है।

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